मुंबई। महाराष्ट्र में आखिरकार नए मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया। उप मुख्यमंत्री अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल के दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के दो दिन बाद शुक्रवार को विभागों का बंटवारा हुआ। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विरोध के बावजूद अजित पवार राज्य के वित्त मंत्री बने। गौरतलब है कि दो जुलाई को अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और आठ अन्य विधायकों को मंत्री बनाया गया था। लेकिन पिछले 12 दिन से विभागों का बंटवारा अटका हुआ था।
बहरहाल, शुक्रवार को विभागों का बंटवारा हुआ। एनसीपी नेता और उप मुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त और नियोजन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। उनके साथ ही सरकार में शामिल हुए एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को खाद्य, आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों का मंत्री बनाया गया है। महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद मंत्रियों के विभागों के बंटवारों को लेकर हो रही देरी पर विपक्षी पार्टियां लगातार सवाल उठा रही थीं।
एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री बने एनसीपी के विधायकों को कई अहम मंत्रालयों का जिम्मा मिला है। एनसीपी के वरिष्ठ नेतता दिलीप वलसे पाटिल को सहकारिता मंत्री बनाया गया है। ध्यान रहे भाजपा ने एनसीपी पर सहकारिता में कई घोटाले का आरोप लगाया है। बहरहाल, धनंजय मुंडे को कृषि और केंद्रीय एजेंसियों की जांच झेल रहे हसन मुश्रीफ को चिकित्सा शिक्षा विभाग का मंत्री बनाया गया है। एनसीपी नेता धर्मरावबाबा अत्राम को औषधि और प्रशासन मंत्रालय मिला है।
अनिल पाटिल को आपदा राहत और पुनर्वास मंत्री बनाया गया है, जबकि अदिती तटकरे को महिला व बाल विकास मंत्री और संजय बनसोडे को खेल और युवा कल्याण और बंदरगाह मंत्री बनाया गया है। बताया जा रहा है कि एनसीपी को सरकार में शामिल करने और अजित पवार सहित अन्य मंत्रियों को महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए जाने से एकनाथ शिंदे गुट परेशान है। इस बीच यह भी खबर है कि जल्दी ही मंत्रिमंडल का एक और विस्तार हो सकता है, जिसमें एनसीपी के कुछ और विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।