नई दिल्ली। शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से चंद्रयान-तीन की लॉन्चिंग होगी। इसके लिए साढ़े 25 घंटे का काउंटडाउन गुरुवार को दोपहर एक बज कर पांच मिनट पर शुरू हो गया। लॉन्चिंग शुक्रवार दोपहर 2:35 बजे सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी। अगर भारत का यह अभियान कामयाब होता है तो वह चंद्रमा पर कदम रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
चंद्रयान-तीन को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए अपग्रेडेड बाहुबली रॉकेट यानी लॉन्च व्हीकल मार्क-3 यानी एमवी-3 तैयार है। एमवी-3 का लॉन्चिंग सक्सेस रेट सौ फीसदी है। मिशन की सफलता के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के वैज्ञानिक तिरूपति वेंकटचलापति मंदिर पहुंचे। पूजा के लिए वैज्ञानिक चंद्रयान-3 का मिनिएचर मॉडल भी अपने साथ ले गए थे। अगर यह अभियान सफल होता है तो चंद्रयान 24-25 अगस्त को चांद पर उतरेगा। यह अगले 14 दिन रोवर लैंडर के चारों ओर 360 डिग्री में घूमेगा और कई परीक्षण करेगा। रोवर के चलने से पहिए के जो निशान चंद्रमा की सतह पर बनेंगे, उनकी तस्वीर भी लैंडर भेजेगा।
यह अभियान सफल होता है तो भारत चंद्रमा पर राष्ट्रध्वज पहुंचाने वाला चौथा देश बनेगा। साथ ही चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुंचने वाला पहला देश भी होगा। यह वही इलाका है जहां चंद्रयान-एक की लैंडिंग के दौरान मून इंपैक्ट प्रोब छोड़ा था और इसरो ने पानी होने का पता लगाया था। यहीं चंद्रयान-दो की क्रैश लैंडिंग हुई थी। इस बार लैंडर में चारों कोनों पर लगे चार इंजन तो होंगे, लेकिन पिछली बार बीचों बीच लगा पांचवां इंजन हटा दिया गया है। इसके अलावा फाइनल लैंडिंग केवल दो इंजन की मदद से ही होगी, ताकि दो इंजन आपातकालीन स्थिति में काम कर सकें। इसी तरह इस बार ऑर्बिटर नहीं है।