नई दिल्ली। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने और वहां तिरंगा लहराने के लिए चंद्रयान तीसरी बार चांद से सफर पर रवाना हुआ। शुक्रवार को दो बज कर 35 मिनट पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने चंद्रयान-तीन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसके पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने के बाद इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि 40 दिन के सफर के बाद 23 अगस्त को शाम पांच बज कर 47 मिनट पर चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
चंद्रयान-तीन को शुक्रवार दोपहर दो बज कर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। लॉन्च होने के 16 मिनट के बाद यह पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया। इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने लॉन्च के बाद कहा कि चंद्रयान ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे ये चांद पर उतरेगा। इससे पहले 2019 में भारत ने चंद्रयान-दो को चांद पर भेजा था। चंद्रयान-तीन के सफलतापूर्वक रवाना होने के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने वैज्ञानिकों को बधाई और शुभकामना दी।
बहरहाल, चंद्रयान-तीन स्पेसक्राफ्ट में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। चंद्र मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का भी अध्ययन करेगा। चंद्रयान-तीन की लैंडिंग सफल रहती है, तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं।
चंद्रयान-तीन का बजट करीब 615 करोड़ रुपए है। चार साल पहले 2019 में भेजे गए चंद्रयान-दो की लागत 603 करोड़ रुपए थी। चंद्रयान-तीन मिशन के साथ कई तरह के वैज्ञानिक उपकरणों को भेजा गया है, जिससे लैंडिंग साइट के आसपास की जगह में चंद्रमा की चट्टानी सतह की परत, चंद्रमा के भूकंप और चंद्र सतह प्लाज्मा और मौलिक संरचना की थर्मल-फिजिकल प्रॉपर्टीज की जानकारी मिलने में मदद हो सकेगी।
बहरहाल, फ्रांस की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-तीन की सफल लॉन्चिंग पर ट्विट किया। उन्होंने लिखा- चंद्रयान-तीन ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है। ये हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं की ऊंची उड़ान है। ये महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!