नई दिल्ली। चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाना शुरू कर दिया है। भारत इस बांध के निर्माण का विरोध करता रहा है और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इसे वाटर बम बताया था। परंतु चीन को इसकी परवाह नहीं है। उसने सोमवार को तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी, जिसे चीन में यारलुंग सांगपो कहा जाता है, उस पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाना शुरू कर दिया है। इस पर कई पनबिजली परियोजनाएं भी होंगी।
खबरों के मुताबिक शनिवार को चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग ने इस बांध के निर्माण की शुरुआत की। बताया जा रहा है कि पिछले साल के अंत में इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी। इस पर करीब 12 लाख करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। इसे चीन के न्यिंगची शहर में बनाया जा रहा है। यह शहर भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है।
इस बांध को लेकर भारत और बांग्लादेश दोनों ने बड़ी चिंता जताई है। गौरतलब है कि ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश से होकर भारत में प्रवेश करती है। भारत के बाद ये बांग्लादेश में जाती है और फिर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है, लेकिन भारत में प्रवेश से ठीक पहले ये नदी एक यू टर्न लेती है। उसी जगह पर चीन दुनिया का सबसे बड़ा बांध बना रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसी साल तीन जनवरी को एक प्रेस ब्रीफिंग में इस बांध को लेकर आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था कि ब्रह्मपुत्र पर बांध बनाने से निचले राज्यों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।