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कॉमरेड सीताराम येचुरी का निधन

कॉमरेड सीताराम येचुरी का निधन

Image Source: social media Facebook

नई दिल्ली। भारत की आधुनिक वामपंथी राजनीति के सबसे चमकदार सितारों में से एक कॉमरेड सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। देश की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम के महासचिव येचुरी का गुरुवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया। निमोनिया की शिकायत होने के बाद उन्हें 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। 25 दिन से उनका इलाज चल रहा था। निधन के बाद परिवार ने उनका शरीर अस्पताल को दान कर दिया। उनके परिवार में पत्नी सीमा चिश्ती और एक बेटा व एक बेटी हैं। उनके एक बेटे का निधन 2021 में कोरोना के समय हो गया था। वे तीन बार सीपीएम के महासचिव रहे।

सीपीएम की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कॉमरेड सीताराम येचुरी को सांस की नली में गंभीर संक्रमण हुआ था। डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी। आंध्र प्रदेश के रहने वाले सीताराम येचुरी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे और बहुत कम उम्र में उनको सीपीएम की केंद्रीय समिति में जगह मिल गई थी। वे दो बार राज्यसभा सांसद रहे और भाजपा विरोधी राजनीति में विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। अपने पूर्ववर्ती महासचिव प्रकाश करात के मुकाबले उनको व्यावहारिक और लचीला नेता माना जाता था।

बहरहाल, कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री कॉमरेड बुद्धदेब भट्टाचार्य का निधन हुआ था। येचुरी ने एम्स में से ही 22 अगस्त को बुद्धदेब बाबू को श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने करीब छह मिनट के वीडियो संदेश में कहा था- यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे एम्स से ही बुद्धो दा के प्रति भावनाएं प्रकट करना और लाल सलाम कहना पड़ रहा है। येचुरी ने 23 अगस्त को जम्मू कश्मीर में सीपीएम, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी गठबंधन को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट किया था। उन्होंने 29 अगस्त को एजी नूरानी के निधन पर भी शोक संदेश पोस्ट किया था।

बहरहाल, उनके निधन पर देश भर के नेताओं ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- सीताराम येचुरी मेरे अच्छे दोस्त थे। वे भारत के विचार के सच्चे रक्षक थे और देश को अच्छी तरह समझते थे। मैं उनके साथ की गई लंबी चर्चाओं को बहुत याद करूंगा। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उनके निधन पर शोक जताया।

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