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गुजरात पहुंचा तूफान बिपरजॉय

अहमदाबाद। अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुरुवार की शाम को गुजरात के तट से टकराया है। शाम में जब यह तूफान जकाऊ बंदरगाह के पास समुद्र तट से टकराया तब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी। लैंडफॉल यानी समुद्र तट से टकराने की प्रक्रिया करीब चार घंटे तक चली और उसके बाद हवा की रफ्तार बढ़ गई। तट के आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो रही है। समुद्र का पानी कई रिहायशी इलाकों में घुस गया। कई जगह तेज हवा के चलते बड़े पेड़ भी उखड़ कर गिर गए। टावर और बिजली, टेलीफोन के खंभे भी उखड़ गए। हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 19 टीमें गुजरात में तैनात हैं।

सरकार ने नुकसान कम करने के लिए कई दिन पहले ही उपाय शुरू कर दिए थे। समुद्र तट से पांच किलोमीटर की दूरी तक के रिहायशी इलाके खाली करा लिए गए हैं। दूसरे चरण में 10 किलोमीटर दूरी तक के भी कुछ इलाके खाली कराए गए ताकि एक भी व्यक्ति की जान न जाए। गुरुवार को भारतीय सेना, एनडीआरएफ सहित सभी एजेंसियां हर स्थिति से निपटने के लिए तैनात थीं। केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार का अपना तेलंगाना दौरा रद्द कर दिया था और वे हालात पर लगातार नजर बनाए हुए थे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी पल पल की खबर ले रहे थे।

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर मौसम विभाग, आईएमडी की ओर से बताया गया है कि इसके लैंडफॉल की प्रक्रिया चार घंटे चलेगी और आधी रात को पूरी होगी। आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने लैंडफॉल के बाद बताया कि फिलहाल यह 115 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। लेकिन बाद में इसमें तेजी आने की आशंका है। कच्छ, सौराष्ट्र में लैंडफॉल शुरू होने से पहले ही इस इलाके में भारी बारिश शुरू हो गई थी और आगे बारिश के ज्यादा तेज होने की संभावना है। महापात्रा ने बताया कि आधी रात तक लैंडफॉल जारी रहेगा।

इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में गुरुवार को एक बैठक की। सरकार ने कहा है कि अब तक कच्छ, जामनगर, मोरबी, राजकोट, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर और गिर सोमनाथ के आठ तटीय जिलों में लगभग एक लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल, एसडीआरएफ के अलावा सेना, वायु सेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है। सेना ने भुज, जामनगर, गांधीधाम के साथ-साथ नलिया, द्वारका और मांडवी में अग्रिम स्थानों पर 27 राहत टुकड़ियां तैनात की हैं। वायु सेना ने वड़ोदरा, अहमदाबाद और दिल्ली में एक-एक हेलीकॉप्टर तैयार रखा है।

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