नई दिल्ली। फिल्मों के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान दादासाहेब फाल्के पुरस्कार इस साल मिथुन चक्रवर्ती को दिए जाने की घोषणा हुई है। पांच दशक तक अपने शानदार अभिनय से करोड़ों दर्शकों का मनोरंजन करने वाले मिथुन चक्रवर्ती ने साढ़े तीन सौ फिल्मों में काम किया है। उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म ‘मृगया’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किया था। अस्सी और नब्बे के दशक में मिथुन चक्रवर्ती हिंदुस्तान के युवाओं के पसंदीदा अभिनेता था। वे हिंदी फिल्मों के पहले डांसिंग सुपरस्टार थे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार, 30 सितंबर को मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की। उनको आठ अक्टूबर को 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड समारोह में सम्मानित किया जाएगा। मिथुन चक्रवर्ती करीब पांच दशक के करियर में बांग्ला, हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, ओडिया और भोजपुरी की साढ़े तीन सौ से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्होंने अपना फिल्मी करियर 1976 में ‘मृगया’ से शुरू किया था और इस पहली ही फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता था।
मिथुन चक्रवर्ती को 1982 में आई ‘डिस्को डांसर’ से असली पहचान मिली। उनको तीन बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। उन्हें जनवरी 2024 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड मिलने पर मिथुन दा ने कहा- सच कहूं तो इतना प्रतिष्ठित पुरस्कार पाकर मैं नि:शब्द हूं। न मैं रो पा रहा हूं न मैं मुस्कुरा पा रहा हूं। इतनी बड़ी चीज है। फुटपाथ से लड़ कर मैं आया हूं, उस लड़के को इतना बड़ा सम्मान मिला है, मैं सोच भी नहीं सकता। मैं यह पुरस्कार अपने परिवार और दुनियाभर के फैंस को डेडिकेट करता हूं।
मिथुन चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। ग्रेजुएशन तक पढ़ाई के बाद वे नक्सल आंदोलन में शामिल हो गए थे। लेकिन बाद में घर की जिम्मेदारियां संभालने के लिए वे आंदोलन से अलग हुए। कुछ समय पहले वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। उससे पहले उनको ममता बनर्जी ने राज्यसभा भेजा था।