नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी का लगभग आधा हिस्सा यमुना के पानी में डूब गया है। उत्तरी, पूर्वी और दक्षिण दिल्ली के कई इलाकों में सड़कों पर पानी भरा है और लोगों को घरों में पानी घुस गया है। गुरुवार की शाम छह बजे की रिपोर्ट के मुताबिक यमुना खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है और अभी तत्काल इसमें राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। यमुना के बढ़ते जलस्तर और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए दिल्ली में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। कई सरकारी विभागों के कर्मचारियों को घर से ही काम करने को कहा गया है। निजी कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है।
इतना ही नहीं पानी भरने की वजह से दिल्ली के तीन जल शोधन संयंत्र बंद हो गए हैं, इससे एक चौथाई दिल्ली में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर पानी निकल जाता है तो शुक्रवार की शाम से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में काम शुरू होगा। रिंग रोड सहित कई मुख्य सड़कों पर पानी भरने की वजह से रास्ते बंद किए गए हैं। यमुना के किनार मेट्रो स्टेशन भी बंद किए गए हैं और यमुना के ऊपर बने चार पुल से मेट्रो के गुजरने पर 30 किलोमीटर की स्पीड रखने को कहा गया है।
बताया जा रहा है कि हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। गुरुवार शाम छह बजे तक यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर पर पहुंच गया। यह खतरे के निशान 205 मीटर से तीन मीटर ज्यादा है। केंद्रीय जल आयोग को आशंका है कि जलस्तर 209 मीटर पहुंच सकता है और अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में पानी भर जाएगा।
राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की 12 टीमें तैनात की गई हैं। साथ ही 27 सौ राहत शिविर लगाए गए हैं। कई इलाके पहले ही पानी में डूब गए हैं। वहां पांच से छह फीट तक पानी भर गया है। यमुना नदी के किनारे बसे निचले इलाकों से 16 हजार से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस बीच दिल्ली सरकार ने एक एडवाइजरी जारी करके कहा है कि बाहरी राज्य के लोग दिल्ली में प्रवेश ना करें। सिंघु बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, लोनी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर सील कर दिए हैं।
दिल्ली सरकार ने भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि छोटी गाड़ियों की एंट्री जारी रहेगी। दिल्ली सरकार ने रविवार तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए हैं। बजीराबाद, ओखला और चंद्रावल के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिए गए है। इससे राजधानी के कई इलाकों में पीने के पानी की किल्लत हो सकती है। उधर, मुख्यमंत्री आवास के पांच सौ मीटर दूरी तक जलभराव हो गया है। यमुना बाजार, मजनू का टीला, निगम बोध घाट, मोनेस्ट्री मार्केट, वजीराबाद, गीता कॉलोनी और शाहदरा एरिया इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।