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दिल्ली में बाढ़ के हालात

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 45 साल बाद भीषण बाढ़ के हालात बन गए हैं। अगर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की तरफ से यमुना में पानी छोड़ा जाना बंद नहीं हुआ तो दो दिन में राजधानी के ज्यादातर हिस्सों में यमुना का पानी पहुंच जाएगा। यमुना का जलस्तर बढ़ने के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मदद का आग्रह किया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। इसके साथ ही बचाव व राहत की टीमें निचले हिस्से से लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगहों पर ले जा रही हैं।

दिल्ली में हालांकि बारिश थम गई है लेकिन हथिनीकुंड बराज से पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि दिल्ली में यमुना 1978 के अपने सबसे उच्च स्तर 207.49 मीटर को पार करते हुए बुधवार को 207.55 मीटर के स्तर तक पहुंच गई। गुरुवार को यह और बढ़ सकता है। यमुना का पानी रिंग रोड पर पहुंच गया है और यह 1978 के बाद पहली बार हुआ है। इसे देखते हुए निचले इलाके खाली कराए जा रहे हैं और बाढ़ वाले इलाके में धारा 144 लगा दी गई है ताकि एक जगह ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकें।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बाढ़ के हालात को देखते हुए केंद्र सरकार से दखल देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि राजधानी में बाढ़ की खबर दुनिया के लिए अच्छा संदेश नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हालात जल्दी सुधरने की संभावना नजर नहीं आ रही है। मौसम विभाग ने दिल्ली में बुधवार को हल्की से सामान्य बारिश और अगले चार से पांच दिनों तक लगातार बारिश का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश में अगले दो दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।

इस बीच बुधवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक आपात बैठक की। उसके बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा- यमुना के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से मेरी गुजारिश है। यमुना का पानी लगातार बढ़ रहा है। आप पानी और बढ़ने का इंतजार न करें। जितनी जल्दी हो घर खाली कर दें। केजरीवाल ने कहा- दिल्ली में पिछले दो-तीन दिनों से बारिश नहीं हो रही है। यहां पानी हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से आ रहा है। मैंने इस बारे में गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। उनसे आग्रह किया है कि दिल्ली आने वाले पानी का स्तर कम किया जाए।

गौरतलब है कि 1978 में यमुना का का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था, जो सबसे उच्च स्तर था। उस समय उत्तरी और पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में पानी भर गया था। इस बार 45 साल का रिकॉर्ड टूटा है। यमुना का पानी रिंग रोड पर पहुंच गया है। पुलिस ने यमुना के निचले इलाके से करीब एक सौ लोगों को निकाला है। सरकार ने 45 नौकाएं तैनात की हैं और लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने का प्रयास हो रहा है। बहरहाल, अमित शाह को लिखी चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल ने हथिनीकुंड बैराज से धीमी गति से पानी छोड़ने की मांग की है। ताकि यमुना का जलस्तर तेजी से न बढ़े।

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