नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में शनिवार को बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ। यमुना का जलस्तर कम हुआ और कई जगह रास्तों पर से पानी हटने के बाद ट्रैफिक चालू हुआ। लेकिन इस बीच बाढ़ पर राजनीति शुरू हो गई। भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच मीडिया में और सोशल मीडिया में जम कर जुबानी जंग हुई है। आईटीओ पर सेना ने ड्रेनेज रेगुलेटर की सेना ने मरम्मत की, जिसे लेकर भाजपा नेताओं ने कहा कि सारा काम सेना ने किया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल श्रेय ले रहे हैं। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी का कहना है कि कई बार कहने के बावजूद गुरुवार की रात को सेना नहीं बुलाई गई।
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर मुख्य सचिव नरेश कुमार, डिवीजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार और आईएफसी सचिव आशीष कुंद्रा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इन अधिकारियों ने जान बूझकर दो मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और आतिशी के निर्देशों की अनदेखी की। मंत्रियों ने इन अधिकारियों को साफ तौर पर निर्देश दिया था कि डबलुएचओ के बिल्डिंग ड्रेनेज रेगुलेटर की मरम्मत के लिए रात में एनडीआरएफ और सेना की इंजीनियर्स रेजिमेंट को बुलाएं। अधिकारियों ने निर्देशों की अनदेखी की, जिससे सुप्रीम कोर्ट सहित लुटियंस दिल्ली के वीआईपी क्षेत्रों में बाढ़ आ गई।
भारद्वाज ने कहा- यदि मंत्रियों के निर्देशों का पालन किया गया होता और पिछली रात सेना व एनडीआरएफ को बुलाया गया होता तो बाढ़ से बचा जा सकता था। दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष भारद्वाज ने कहा- मैंने रात से कई अधिकारियों से एनडीआरएफ और सेना को शामिल करने की अपील की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में उन्होंने डिवीजनल कमिश्नर का नाम लेते हुए ट्विट किया और लिखा- क्योंकि कुछ मीडिया मित्र पूछ रहे हैं- अगर कुछ आईएएस ऐसी आपात स्थिति में भी अपने मंत्री की बातों को नजरअंदाज करेंगे, तो सरकार कैसे काम करेगी?
इस मामले में दिल्ली के उप राज्यपाल ने बाद में कहा- यह वक्त किसी पर इल्जाम लगाने या टिप्पणी करने का नहीं है। अभी हमें मिल-जुल कर काम करने की जरूरत है। अगर हम ऐसे ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रखेंगे तो फिर काम कैसे होगा? हालांकि भाजपा नेताओं ने ऐसा सद्भाव नहीं दिखाया और दिल्ली में बाढ़ की स्थिति के लिए केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा।