नई दिल्ली। पांच दिन के बाद रविवार को दिल्ली में यमुना का पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया। इस तरह बाढ़ का खतरा टल गया है। हालांकि दिल्ली के कई इलाकों में और सड़कों पर अब भी पानी भरा हुआ है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि दिल्ली के बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्कूल दो दिन और बंद रहेंगे। दिल्ली के निचले इलाकों से पानी निकालने का काम अब भी चल रहा है।
दिल्ली के लोगों के लिए राहत की बात यह है कि रविवार की सुबह 11 बजे तक यमुना का जलस्तर घट कर 205.91 मीटर पर आ गया। तीन दिन पहले यह 208 मीटर से ऊपर पहुंच गया था। यमुना के पानी का खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है। दिल्ली से बाढ़ का खतरा टलने के बाद दिल्ली के उप राज्यपाल कार्यालय की ओर से बड़ा खुलासा किया गया है। उप राज्यपाल कार्यालय की ओर से कहा गया कि दिल्ली में बाढ़ नियंत्रण के लिए एक कमेटी बनाई गई है। पिछले दो साल से इस कमेटी की कोई बैठक ही नहीं हुई। दिल्ली के मुख्यमंत्री कमेटी के अध्यक्ष हैं।
उप राज्यपाल कार्यालय के मुताबिक जून में इस कमेटी की बैठक हो जानी चाहिए थी, जो नहीं की गई। इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सेना और केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी शामिल होते हैं। इस मीटिंग के बाद ही बाढ़ नियंत्रण को लेकर निर्देश जारी किए जाते हैं, लेकिन बिना बैठक और तैयारियों के ही राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर दिए। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को गलत बताया। आम आदमी पार्टी ने कहा कि छह जुलाई को कमेटी की बैठक हुई थी, जिसकी अध्यक्षता राजस्व मंत्री आतिशी ने की थी।
बहरहाल, दिल्ली में दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी निकाल लिया गया है और मशीनों को सुखाने की प्रक्रिया चल रही है। बताया गया है कि सब ठीक रहा तो रविवार को देर रात से पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। हालांकि शनिवार और रविवार को हुई बारिश के बाद राजधानी के कई इलाकों में फिर से पानी भर गया। पेड़ों के उखड़ कर गिरने के चलते कई सड़कें बंद हो गईं। तभी पुलिस ने कई रास्तों पर न जाने की एडवाइजरी जारी की है।