नई दिल्ली। मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से चुनाव लड़ रहे ताहिर हुसैन को प्रचार के लिए कस्टडी पैरोल मिली है। यानी उनको हिरासत में रह कर ही प्रचार करना होगा। ताहिर हुसैन को आतंकवादियों की मदद के आरोप में गिरफ्तार जम्मू कश्मीर के इंजीनियर राशिद जैसी राहत नहीं हासिल हो सकी है। ताहिर हुसैने को तिहाड़ जेल से पुलिस हिरासत में प्रचार के लिए लाया जाएगा और फिर शाम में उनको वापस जेल में ले जाया जाएगा। वे हर दिन 12 घंटे प्रचार कर पाएंगे।
ताहिर की ओर से उनके वकीलों ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच से कहा, ‘चुनाव में चार दिन बचे हैं, हमें चुनाव प्रचार के लिए जल्दी अंतरिम जमानत दी जाए’। ताहिर दिल्ली दंगों के आरोप में चार साल नौ महीने से जेल में बंद हैं। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए पांच फरवरी को वोटिंग है, जिसके लिए तीन फरवरी को प्रचार बंद हो जाएगा। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। इससे पहले दो जजों की बेंच में फैसले पर सहमति नहीं बन सकी थी।
तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा, ‘ताहिर हुसैन को 29 जनवरी से तीन फरवरी तक दिन के समय चुनाव प्रचार के लिए रिहा किया जाएगा। रात में उनको जेल लौटना होगा’। कोर्ट ने ताहिर हुसैन को सुरक्षा खर्च के तौर पर हर दिन 2.47 लाख रुपए देने को कहा। इस तरह उन्हें छह दिन में उनको 14.82 लाख रुपए देने होंगे। वे जेल मैनुअल के हिसाब से हर दिन 12 घंटे प्रचार कर पाएंगे।