नई दिल्ली। कोलकाता में एक डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन का रविवार को एक सप्ताह पूरा हो गया जिससे सेवाएं बाधित हो रही हैं और मरीज प्रभावित हो रहे हैं। दिल्ली रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्यों ने रविवार शाम राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक के बाहर ‘कैंडल मार्च’ निकालने का फैसला किया है।
गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल आरडीए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘जैसा कि आज की आम सभा की बैठक में अनुमोदित किया गया है, दिल्ली के सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के डॉक्टर कनॉट प्लेस में कैंडल मार्च के लिए एकत्रित होंगे।’’ बयान में कहा गया, ‘‘हम राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक पर तीन-चार के समूहों में इकट्ठा होंगे, मानव श्रृंखला बनाएंगे और आर जी कर मेडिकल कॉलेज, कोलकाता में हुई दुखद घटना के खिलाफ इनर सर्कल पर मोमबत्तियां जलाएंगे।’’ डॉक्टरों की सोमवार से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल का यह सातवां दिन है। निजी और सरकारी दोनों अस्पताल इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। वे पीड़ित परिवार के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं और डॉक्टरों के लिए सुरक्षा अधिनियम की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, इस बीच कोलकाता पुलिस ने आर.जी. कर अस्पताल के आसपास धारा 163 लागू कर दी है। कोलकाता पुलिस ने एक बयान में कहा, “18 अगस्त से अगले 7 दिनों के लिए आर.जी. कर अस्पताल के आसपास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत धारा 163 लागू की है। इस अवधि के दौरान वहां कोई सभा, धरना या रैली की अनुमति नहीं होगी।”
इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को सलाह दी थी कि वे महिला डॉक्टरों की रात की ड्यूटी लगाने से परहेज करें। मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “रातिरेर साथी” नामक पहल की घोषणा की। उन्होंने कहा, जहां तक संभव हो महिला डॉक्टरों को रात की ड्यूटी देने से परहेज करने के हरसंभव प्रयास किए जाएं। सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में महिलाओं के प्रति अच्छा व्यवहार रखने वाले सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।