नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने अपने वादे के मुताबिक तीन महीने में डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड का मामला सुलझा लेने का दावा किया है। आयोग के सूत्रों ने बताया है कि सत्यापन करने के बाद डुप्लीकेट वोटर आईडी वाले मतदाताओं को नए नंबर के साथ नए मतदाता पहचान पत्र जारी किए गए हैं। गौरतलब है कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद आयोग ने इसे जल्दी से जल्दी सुलझाने का वादा किया था।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि एक जैसे मतदाता फोटो पहचान पत्र या ईपीआईसी नंबरों की संख्या काफी कम थी। यह औसतन चार मतदान केंद्रों में से एक में थी। क्षेत्रीय स्तर पर सत्यापन के दौरान पाया गया कि समान ईपीआईसी संख्या वाले लोग अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों और अलग अलग मतदान केंद्रों के वास्तविक मतदाता थे। उन्होंने कहा कि हर मतदाता का नाम उस मतदान केंद्र की मतदाता सूची में होता है, जहां का वह सामान्य निवासी है। वे दूसरे मतदान केंद्र पर जाकर वोट नहीं कर सकते हैं।
यह भी बताया गया कि डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड और एक जैसे ईपीआईसी नंबर का मुद्दा काफी समय से लंबित था। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और भारत भर के सभी 4,123 विधानसभा क्षेत्रों के सभी साढ़े 10 लाख मतदान केंद्रों के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों ने 99 करोड़ से अधिक मतदाताओं के संपूर्ण चुनावी डाटाबेस की खोज की।