चंडीगढ़। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित दूसरी मांगों को लेकर पिछले 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसान सोमवार, 30 दिसंबर को पंजाब बंद कराएंगे। किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि पंजाब के सभी स्कूल, कॉलेज, अन्य शिक्षण संस्थान, रोडवेज की बसें, दुकानें, सरकारी दफ्तर, निजी कार्यालय, रेल सेवाएं और सड़क परिवहन को बंद कराया जाएगा। सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं के चलते रहने की मंजूरी होगी। एंबुलेंस चलेंगे और दवा की दुकानें खुली रहेंगी। किसानों का यह बंद 10 घंटे का होगा।
इस बीच किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के रविवार को 34 दिन हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने उनको 31 दिसंबर तक अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया है। उनके अनशन और किसानों के दूसरे मामलों पर 31 दिसंबर को फिर सुनवाई होगी। इस बीच रविवार को किसानों ने पंजाब बंद की तैयारी की। हरियाणा के हिसार के गांव बास में महापंचायत बुलाई गई। किसानों के पंजाब बंद कई सरकारी व गैर सरकारी संगठनों का समर्थन मिला है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने किसानों के समर्थन में 30 दिसंबर को अपने सभी कार्यालय बंद रखने की घोषणा कर दी है। साथ ही 30 दिसंबर को रखी गई बैठक को भी रद्द कर दिया है।
पंजाब रोडवेज बस यूनियनों ने भी किसानों का समर्थन करने की बात कही है। वे 30 दिसंबर को सुबह सात से शाम तक बसें नहीं चलाएंगे। इसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने संदेश दिया है कि किसी को भी अगर सोमवार काम है तो वे उसे आज यानी रविवार को निपटा ले। अन्यथा कल उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं को घबराने की जरूरत नहीं है। वे सुचारु रूप से जारी रहेंगी।