नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में लाल किले के सामने हुए कार विस्फोट की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए ने चार और संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने चारों गिरफ्तारी जम्मू कश्मीर से की है। बताया जा रहा है कि इस मामले की जांच में शुरू से जुड़ी रही जम्मू कश्मीर पुलिस ने इन चारों को गिरफ्तार किया है, इसके बाद उन्हें एनआईए के हवाले कर दिया। अब तक इस मामले में छह गिरफ्तारी हो चुकी है।
गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान डॉ. मुअज़म्मिल शकील गनई, डॉ. अदील अहमद राथर, डॉ. शहीन सईद और मुफ़्ती इरफ़ान अहमद वगाय के रूप में हुई है। इन में तीन लोग जम्मू कश्मीर के और एक उत्तर प्रदेश का है। गनई जम्मू कश्मीर के पुलवामा का, राथर अनंतनाग का और वगाय शोपियां का रहने वाला है। सभी गिरफ्तार संदिग्धों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें रिमांड पर भेज दिया गया है।
एनआईए के जानकार सूत्रों का कहना है कि सभी गिरफ्तार चार संदिग्धों ने दिल्ली में हुए आतंकी हमले की साजिश और उसे अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई है। गौरतलब है कि इससे पहले एनआईए ने आमिर रशीद अली और जासिर बिलाल को गिऱफ्तार किया था। दिल्ली में हुए धमाके से पहले ही व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का खुलासा हुआ था और कई डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था।
ये डॉक्टर फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान एजेंसियों के रडार पर अब अल फलाह यूनिवर्सिटी के दो सौ से ज्यादा डॉक्टर हैं। जांच एजेंसियां इस यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि धमाके वाले दिन ही कई डॉक्टर अचानक यूनिवर्सिटी छोड़कर चले गए थे।
