नई दिल्ली। पिछले 10 साल में अपने देशी, विदेशी कारोबारी सौदे और संधियों को लेकर कई तरह के विवादों में घिरे रहे गौतम अडानी सहित आठ लोगों के खिलाफ अमेरिका की एक अदालत में अरबों रुपए की धोखाधड़ी और न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने की भी खबर है। अमेरिका के न्याय विभाग ने कहा है कि अडानी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा ठेका हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26 करोड़ डॉलर से ज्यादा यानी करीब 21 सौ करोड़ रुपए की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे।
यह मामला अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य कंपनी से जुड़ा हुआ है। इसमें गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी का भी नाम है। उनके खिलाफ भी अदालत से वारंट जारी किया है। गौरतलब है कि करीब दो साल पहले गौतम अडानी की कंपनियों को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कंपनी के ऊपर टैक्स हैवन देशों के जरिए धन शोधन करने और शेयर बाजार में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। हालांकि अमेरिकी अदालत में गड़बड़ी के आरोप लगने और वारंट जारी होने के मामला उससे बहुत ज्यादा गंभीर है।
पिछले महीने 24 अक्टूबर को न्यूयॉर्क की अदालत में गौतम अडानी और सात अन्य लोगों के खिलाफ यह केस दर्ज हुआ था। बुधवार, 20 नवंबर को इसकी सुनवाई में गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। सागर अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड से जुड़े हैं।
अमेरिकी अदालत में अडानी पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए पैस जुटाने के मकसद से उन्होंने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि जिस प्रोजेक्ट के लिए रिश्वत दी गई उसमें अमेरिका के निवेशकों का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है। इस मामले में सेबी के समकक्ष अमेरिकी संस्था यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने अदालत में आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि कई अमेरिकी एजेंसियां और भारतीय व अमेरिकी अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं।
दूसरी ओर अडानी समूह ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया है। एक बयान में समूह की ओर से कहा गया है- अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के निदेशक के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम उनका खंडन करते हैं। असल में अडानी पर आरोप है कि अडानी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया सौर ऊर्जा का एक करार किया था। इसके बाद सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए कई राज्य सरकारों के अधिकारियों को रिश्वत दी गई या रिश्वत की पेशकश की गई ताकि उनके साथ ऊर्जा खरीद का समझौता हो सके। इसमें सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश सरकार के अधिकारियों को 17 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की रिश्वत दिए जाने के आरोप हैं। इसके अलावा ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर के अधिकारियों को भी रिश्वत देने या देने की योजना के आरोप लगे हैं।