नई दिल्ली। उत्तर भारत के सात राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से तबाही मची है। सात राज्यों में 54 लोगों की मौत हुई है। बारिश और बाढ़ का सबसे बड़ा शिकार हिमाचल प्रदेश है। राज्य में पिछले 48 घंटे में लगातार हुई बारिश से कई नदियों में बाढ़ आई है। कई जगह बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं हुईं हैं, जिनमें 23 लोगों की मौत हुई है। मनाली में बारिश का 52 साल का रिकॉर्ड टूटा है। भारी बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से घर से नहीं निकलने की अपील की है। इस बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से टेलीफोन पर बात की और हालात का जायजा लिया।
हिमाचल के कुल्लू, मनाली और मंडी में कई जगह भूस्खलन की घटनाएं हुई, जिससे चंडीगढ़-मनाली हाईवे का एक हिस्सा भी बह गया। भारी बारिश के कारण राज्य की सात सौ से ज्यादा सड़कें बंद हैं। तीन नेशनल हाईवे पर भी ट्रैफ़िक रोकना पड़ा है। राज्य में बिजली का संकट भी खड़ा हो गया है। करीब 18 सौ ट्रांसफॉर्मर बंद हो गए हैं। राज्य में दो दिन के लिए स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। चंबा, कांगड़ा, मंडी, उना, हमीरपुर, बिलासपुर जिलों में भारी बारिश के अलर्ट के चलते लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने कई इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ की आशंका जताई है।
राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का पानी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया हैं। बारिश और बाढ़ के हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक उच्च स्तरीय बैठक की। बाद में उन्होंने कहा- हमारा सिस्टम ऐसी बारिश के लिए नहीं बना। इस समय सभी राज्यों को साथ मिलकर काम करना है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ और बारिश के हालात को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों से बात की है। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रशासन और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव में जुटी हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक देश की कुल बारिश अब सामान्य से अधिक हो गई है। नौ जुलाई तक सामान्य बारिश 239 मिलीमीटर होती थी। अब आंकड़ा इसे पार कर 243 मिलीमीटर हो गया है। पहाड़ी राज्यों खास कर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर के अलावा मैदान इलाकों में भी बारिश से बड़ी तबाही हुई है। पंजाब से लेकर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में बारिश की वजह से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। दिल्ली और एनसीआर में सोमवार को सारे स्कूल बंद रहे। पंजाब में 13 जुलाई तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं। हरियाणा में मुख्यमंत्री ने आपात बैठक की, जिसमें एनडीआरएफ की मदद लेने का फैसला किया गया।