मुंबई। महाराष्ट्र के बदलापुर में दो नाबालिग बच्चियों के साथ यौन दुर्व्यवहार के आरोपी अक्षय शिंदे के इनकाउंटर पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि इसे इनकाउंटर मानना मुश्किल है क्योंकि आरोपी के सिर में गोली मारी गई है। इसे लेकर हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा- हम कैसे मान लें कि चार अफसर एक आरोपी को संभाल नहीं पाए। हथकड़ी भी लगी थी, अगर आत्म रक्षा जैसी स्थिति थी तो आरोपी के पैर पर गोली मारते हैं, सिर में नहीं।
हाई कोर्ट ने कहा- अगर गोली चलाने वाला पुलिस अधिकारी असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर है, तब वह यह नहीं कह सकता कि उसे रिएक्ट कैसे करना है, इसकी जानकारी नहीं थी। उसे पता होना चाहिए कि फायर कहां करना है। कोर्ट ने कहा- जैसे ही आरोपी ने ट्रिगर दबाया चार लोग आसानी से उस पर काबू पा सकते थे। वो कोई बहुत मजबूत आदमी नहीं था। यह स्वीकार करना बहुत मुश्किल है। इसे इनकाउंटर नहीं कहा जा सकता है।
गौरतलब है कि अक्षय के पिता ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका लगाकर इनकाउंटर की एसआईटी से जांच की मांग की है। इस पर जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने सुनवाई की। अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुलिस कार्रवाई का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अक्षय शिंदे पर आत्म रक्षा में गोली चलाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आरोपी भाग जाता तो विपक्ष पूछता कि पुलिस के हाथों में बंदूक नहीं, शो पीस थे क्या। कहते कि हमने उसे भागने क्यों दिया।