नई दिल्ली। चीन में फैले कोरोना जैसे वायरस के तीन संदिग्ध मामले में भारत में मिले हैं। कर्नाटक के बाद अब गुजरात में इस वायरस के संक्रमित मरीज मिला है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से चीन नें ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस यानी एचएमपीवी का संक्रमण फैला हुआ है। हालांकि भारत में संक्रामक रोगों के जानकार इसे बहुत गंभीर वायरस नहीं मान रहे हैं और बता रहा है कि इसका असर बहुत मामूली और सामान्य सर्दी, जुकाम की तरह होता है। उन्होंने लोगों को नहीं घबरान की सलाह दी है।
बहरहाल, सोमवार को ही भारत के तीनों केस सामने आए। अहमदाबाद में सोमवार को दो महीने के बच्चे में एमएमपीवी का संक्रमण मिला। यह बच्चा राजस्थान का है और इलाज के लिए अहमदाबाद पहुंचा है। इससे पहले, सोमवार सुबह कर्नाटक में तीन महीने की बच्ची और आठ महीने के बच्चे में यह वायरस मिला था। दोनों बच्चों की जांच बेंगलुरु के एक अस्पताल में की गई थी। बताया जा रहा है कि यह वायरस बच्चों में ज्यादा तेजी से फैलता है। उसमें भी दो साल से कम उम्र के बच्चों में इसका असर ज्यादा दिखता है।
बताया जा रहा है कि अहमदाबाद में दो महीने के बच्चे को तबीयत खराब होने पर 15 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस बच्चे को सर्दी और तेज बुखार था। शुरुआत में पांच दिन तक उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। इसके बाद हुई जांचों में वायरस के संक्रमण का पता चला। दूसरी ओर कर्नाटक के दोनों केस के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बच्चे रुटीन जांच के लिए अस्पताल पहुंचे थे। टेस्ट कराने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि बच्चों के सैंपल निजी अस्पताल में जांचे गए और उन्होंने सरकारी लैब में जांच नहीं कराई।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है, ‘विशेषज्ञों ने यह कह दिया है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। 2001 में इसकी पहली बार पहचान हुई थी। इसके बाद ये दुनिया में फैला। ये सांस लेने से फैलता है, हवा के माध्यम से फैलता है। ये सभी एज ग्रुप के लोगों पर असर करता है’। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लुएचओ हालात पर नजर बनाए हुए है और जल्दी ही उसकी रिपोर्ट भारत सरकार से भी शेयर की जाएगी।
चीन में फैले इस वायरस को लेकर सरकार ने कहा है कि भारत में आईसीएमआर और आईडीएसपी के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और सांस से जुड़ी दूसरी गंभीर बीमारियों के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है। दोनों एजेंसियों के आंकड़ों से पता चलता है कि इन्फ्लूएंजा या सांस से जुड़ी बीमारियों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है। हालांकि यह भी कहा गया कि एहतियात के तौर पर आईसीएमआर, एचएमपीवी की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा। साथ ही पूरे साल एचएमपीवी के मामलों पर नजर रखेगा।