नई दिल्ली। भारत ने कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन के बयान को गंभीरता से लिया है और कनाडा से नाराजगी जताई है। कनाडा उच्चायोग के एक अधिकारी को तलब करके विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताई। असल में मॉरिसन ने कहा था कि कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने दिए थे। इतना ही नहीं कनाडा के मंत्री ने यह खबर अमेरिकी अखबार ‘वाशिंगटन पोस्ट’ को भी लीक की थी। उनके इस बयान से भारत नाराज है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को बताया कि एक नवंबर को कनाडा के उच्चायोग के एक अधिकारी को तलब किया गया। इस दौरान कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर लगाए आरोप निराधार और बेतुके हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा के अधिकारी जान बूझकर भारत को बदनाम करने की रणनीति के तहत आरोप लगा रहे हैं और फिर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इसे लीक करते हैं। इससे दोनों देशों के संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा।
गौरतलब है कि, कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने 29 अक्टूबर को एक संसदीय समिति में दावा किया था कि अमित शाह ने कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों को निशाना बनाने का आदेश दिया था। बहरहाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- हमारे कुछ वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को हाल ही में कनाडा सरकार की तरफ से सूचना दी गई थी कि वे ऑडियो और वीडियो निगरानी में हैं। उनके कम्युनिकेशन को भी बाधित किया गया है। हमने औपचारिक रूप से इसका भी विरोध किया है। हम ऐसे काम को राजनयिक और वाणिज्य कन्वेंशन का उल्लंघन मानते हैं।
उन्होंने कहा- तकनीकी बातों का हवाला देकर, कनाडा सरकार इस चीज को सही नहीं ठहरा सकती है। हमारे राजनयिक पहले से ही उग्रवाद और हिंसा के माहौल में काम कर रहे हैं। कनाडा में दिवाली का कार्यक्रम रद्द होने के बारे में जायसवाल ने कहा- हमने इससे जुड़ी कुछ खबरें सुनी हैं। यह बहुत दुखद है कि वहां पर माहौल इस स्तर पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि कनाडा की संसद पार्लियामेंट हिल में दिवाली उत्सव रद्द करने की खबरें सामने आईं थी। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत के साथ चल रहे राजनयिक गतिरोध के बीच दिवाली समारोह को रद्द कर दिया गया।
बहरहाल, कनाडा के उप मंत्री मॉरिसन ने 29 अक्टूबर को संसदीय समिति के सामने यह भी माना था कि उन्होंने ही अमेरिकी अखबार ‘वाशिंगटन पोस्ट’ को अमित शाह का नाम बताया था और भारत व कनाडा की मीटिंग से जुड़ी जानकारी दी थी। हालांकि, मॉरिसन समिति को यह नहीं बता पाए कि उन्हें यह कैसे पता चला कि अमित शाह ने खालिस्तानियों को निशाना बनाने का आदेश दिया था, जबकि इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उनके पास भारत के इस मामले में शामिल होने के कोई ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ खुफिया सूचना के आधार पर ऐसा कहा था।