नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रुनेई की यात्रा के दूसरे दिन बुधवार को परोक्ष रूप से चीन पर निशाना साधा। उन्होंने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि भारत विस्तारवाद का नहीं, बल्कि विकासवाद का समर्थक है। उन्होंने बुधवार को ब्रुनेई के सुल्तान हसन अल बल्किया के साथ दोपक्षीय वार्ता की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो पैसिफिक विजन में ब्रुनेई अहम साझेदार रहा है। भारत ने हमेशा आसियान देशों में शांति को प्राथमिकता दी है। हम अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत नेविगेशन और हवाई उड़ान की आजादी का समर्थन करते हैं। भारत विस्तारवाद नहीं बल्कि विकासवाद का समर्थक है।
इससे पहले दोपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं के बीच रक्षा, व्यापार, शिक्षा, तकनीक और स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रतिनिधि स्तर की बैठक के बाद भारत और ब्रुनेई के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर भी दस्तखत हुए। उन्होंने राजधानी बंदर सेरी बेगवान और चेन्नई के बीच सीधी फ्लाइट शुरू करने के फैसले का स्वागत किया। इसके अलावा दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आसियान देशों के विकास के लिए काम करने पर सहमति जताई।
ब्रुनेई के सुल्तान ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में दुनिया के सबसे बड़े महल ‘इस्ताना नुरुल इमान’ में दोपहर के भोज का आयोजन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- ब्रुनेई में मेरा गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया, जिसके लिए मैं शाही परिवार को धन्यवाद देता हूं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली दोपक्षीय यात्रा है। यहां मिले अपनेपन ने मुझे दोनों देशों के सदियों पुराने संबंधों का एहसास कराया है। प्रधानमंत्री मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को ब्रुनेई पहुंचे थे। वहां उनका भव्य स्वागत हुआ। वे मंगलवार शाम ब्रुनेई पहुंचे थे।