India GDP Growth Slowed: देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का बड़ा संकेत मिला है। शुक्रवार, 29 नवंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के बीच विकास दर घट कर 5.4 फीसदी पर आ गई है। साल दर साल के हिसाब से देखें तो एक साल पहले इसी अवधि में विकास दर 8.1 फीसदी थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई से सितंबर 2024 में विकास दर पिछले करीब दो साल में सबसे कम है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक विनिर्माण सेक्टर के बेहद खराब प्रदर्शन की वजह से विकास दर सात तिमाही में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई।
इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 के अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में विकास दर 4.3 फीसदी रही थी।
उसके करीब दो साल बाद वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई से सितंबर की तिमाही में विकास दर 5.4 फीसदी रही है। इससे पहले यानी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 6.8 फीसदी रही थी।
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भारत की अर्थव्यवस्था
हालांकि, एनएसओ ने साथ ही यह भी कहा है कि गिरावट के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा।
इस साल जुलाई से सितंबर की तिमाही में चीन की जीडीपी बढ़ने की दर 4.6 फीसदी थी। यह अलग बात है कि चीन की अर्थव्यवस्था का आकार भारत के मुकाबले लगभग चार गुना बड़ा है।
बहरहाल, एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक कृषि सेक्टर में विकास दर अच्छी रही। कृषि क्षेत्र वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई से सितंबर की तिमाही में 3.5 फीसदी बढ़ा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 1.7 फीसदी बढ़ा था।
विकास दर में बड़ी गिरावट का कारण विनिर्माण सेक्टर का खराब प्रदर्शन रहा। जुलाई से सितंबर की तिमाही में विनिर्माण सेक्टर की वृद्धि दर गिर कर 2.2 फीसदी रह गई, जबकि एक साल पहले इसमें 14.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
बहरहाल, दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने के साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि छह फीसदी आंकी गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 फीसदी रही थी। दूसरी तिमाही में आई गिरावट से पूरे साल की विकास दर प्रभावित हो सकती है।