नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आम लोगों पर पाकिस्तानी सेना की बर्बर कार्रवाई को लेकर भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान मासूम लोगों पर जुल्म कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तानी सेना बेकसूर लोगों पर बर्बरता कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें देखी हैं। यह पाकिस्तान का दमनकारी रवैया और इन इलाकों से संसाधनों की लूट का नतीजा है। पीओके पर उसका जबरन और अवैध कब्जा है। पाकिस्तान को उसके मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए’।
गौरतलब है कि, पीओके में पिछले पांच दिनों से बुनियादी जरूरतों पर सब्सिडी कटौती के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार पर मौलिक अधिकारों की अनदेखी और महंगाई कंट्रोल न कर पाने का आरोप लगा रहे हैं। इन प्रदर्शनों में अब तक 12 लोगों की मौत हुई है। पीओके में प्रदर्शन जम्मू कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी की अपील पर हो रहे हैं। लोगों का हुजूम राजधानी मुजफ्फराबाद की तरफ मार्च कर रहा है। उन्होंने सरकार के सामने 38 मांगें रखी हैं, जिनमें पीओके विधानसभा की 12 रिजर्व सीटें खत्म करने की मांग शामिल है। प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को सुरक्षा बलों के 25 सैनिकों को बंधक बना लिया। वे इनका इस्तेमाल मानव ढाल की तरह कर रहे थे।
इस बीच पीओके में हो रही बर्बरता के खिलाफ इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों को पाकिस्तान पुलिस ने बेतरह पीटा है। पुलिस ने इस्लामाबाद के प्रेस क्लब पर गुरुवार को अचानक छापा मारा और वहां प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों और लोगों पर हमला किया। यह प्रदर्शन पीओके में अत्याचारों और इंटरनेट ब्लैकआउट के खिलाफ हो रहा था। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि उन्होंने पत्रकारों को गलती से निशाना बनाया। गृह राज्य मंत्री ने प्रेस क्लब जाकर पत्रकारों से माफी मांगी है।