नई दिल्ली। भारत ने वैसे तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस बात पर गोलमोल जवाब दिया था कि भारत अब रूस से तेल की खरीद कम करेगा। लेकिन अब ऐसी खबर आ रही है कि भारत तेल की खरीद कम करने जा रहा है। इतना ही नहीं रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीद कर रही निजी कंपनी रिलायंस ने भी रूस से तेल खरीद की मात्रा के पुनर्निधारण की बात कही है। इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को पांचवीं बार दोहराया कि भारत अब रूस से तेल खरीद नहीं करेगा। इससे पहले उन्होंने मीडिया से एक सवाल के जवाब में कहा था कि भारत अगर ऐसा नहीं करेगा तो उसे बहुत टैक्स चुकाना होगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर दबाव बनाने के साथ साथ रूस की तेल कंपनियों पर नए सिरे से पाबंदियां भी लगाई हैं। तभी भारत की सरकारी और निजी कंपनियां उन कंपनियों से तेल खरीद कम करने वाली हैं या बंद कर देंगी। इसी क्रम में रिलायंस समूह के प्रवक्ता के हवाले से खबर आई है कि कंपनी तेल खरीद के कोटा का पुनर्निधारण करेगी। सरकारी कंपनियां भी अपने शिपमेंट की जांच कर रही है।
इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप पिछले कई दिनों से भारत पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव डाल रहे हैं। ट्रंप ने 19 अक्टूबर को दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको भरोसा दिलाया है कि भारत अब रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। ट्रंप ने अब दावा किया है कि भारत दिसंबर से रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने 22 अक्टूबर को रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट और लुकोइल पर पाबंदी भी लगाई है और उनके साथ कारोबार करने वालों को 21 नवंबर तक का समय दिया है। उधर यूरोपीय संघ ने रूसी एलएनजी के आयात पर भी पूरी तरह पाबंदी लगा दी है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि भारत की सरकारी कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम आदि भी रूसी कंपनियों से अपने व्यापार दस्तावेजों की जांच कर रही हैं। वे नवंबर 21 के बाद आने वाले शिपमेंट्स के बिल चेक कर रही हैं, ताकि रोसनेफ्ट या लुकोइल से सीधी सप्लाई न हो। बताया जा रहा है कि भारत सरकार ने निजी तौर पर कंपनियों से रूसी तेल के आयात को कम करना शुरू करने को कहा है। 21 नवंबर के बाद कारोबार जारी रखने पर जुर्माना या व्यापार प्रतिबंध या टैरिफ ज्यादा लगने का खतरा है।
राष्ट्रपति ट्रंप रूस से भारत की खरीद बंद कराने को यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए जरूरी बता रहे हैं। उन्होंने व्हाइट हाउस में बुधवार, 22 अक्टूबर को पत्रकारों से बात करते हुए पांचवीं बार कहा, ‘तेल खरीदना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे तुरंत रोकना संभव नहीं है, लेकिन साल के अंत तक वे इसे जीरो कर देंगे। मेरी प्रधानमंत्री मोदी से इस बारे में बातचीत हुई है’। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का रूस से तेल खरीद बंद करना एक बड़ी बात है क्योंकि यह भारत की खरीद का 40 फीसदी है। इससे पहले अगस्त में ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था।
