पटना। अपने बेटे और राज्य सरकार के मंत्री संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। पहले उन्होंने कहा था कि अपने बेटे के सरकार से इस्तीफे के बावजूद वे महागठबंधन में बने रहेंगे। लेकिन सोमवार को उन्होंने अपनी पार्टी की बैठक बुलाई थी, जिसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया और राज्यपाल को इसका पत्र भी सौंपा दिया।
मांझी ने कहा कि वे अब दिल्ली जा रहे हैं और दो-तीन दिन वहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान वे बसपा, कांग्रेस और एनडीए के कई नेताओं से मिल सकते हैं। उन्होंने मायावती, राहुल गांधी और अमित शाह से मुलाकात करने के संकेत दिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे स्वास्थ्य कारणों से भी वहां जा रहे हैं। उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चार विधायक हैं। उनके समर्थन वापस लेने के बाद भी नीतीश सरकार के बहुमत पर असर नहीं पड़ेगा।
बहरहाल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष संतोष मांझी ने महागठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने का एलान किया। जीतन राम मांझी की पार्टी के महागबंधन सरकार से अलग होने के बाद सोमवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक के बाद पार्टी के अध्यक्ष संतोष मांझी ने प्रेस कांफ्रेंस में महागबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने की आधिकारिक घोषणा की। माना जा रहा है कि मांझी की पार्टी जल्दी ही भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो सकती है।