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बिहार में पत्रकार की गोली मार कर हत्या

पटना। बिहार के सीमांचल इलाके के अररिया में एक पत्रकार की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। घटना अररिया जिले के रानीगंज इलाके की है, जहां एक पत्रकार को शुक्रवार की सुबह उसके घर के दरवाजे पर ही गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद भाजपा सहित बिहार की विपक्षी पार्टियों ने राज्य की नीतीश सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि राज्य में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने इस पर दुख जताया है और कहा है कि जल्दी ही दोषियों को पकड़ा जाएगा।

बहरहाल, अररिया में मारे गए पत्रकार का नाम विमल यादव था और वे एक दैनिक अखबार में काम करते थे। उनको बदमाशों ने घर के बाहर बुला कर गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे दुखद घटना बताया है और कहा है कि खबर सुनते ही उन्होंने तुरंत अधिकारियों को अपराध की जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने पटना में संवाददाताओं से कहा- किसी पत्रकार को इस तरह कैसे मारा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा- मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को सजा दी जाएगी।

बताया जा रहा है कि पत्रकार विमल यादव के भाई की भी दो साल पहले बदमाशों ने हत्या कर दी थी। वे इलाके के सरपंच थे। उनकी हत्या के केस में विमल मुख्य गवाह थे और ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मुख्य गवाह होने की वजह से बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी। कहा जा रहा है कि विमल यादव ने कथित धमकियों के बावजूद अदालत में चल रहे मुकदमे के दौरान अपने भाई के हत्यारे के खिलाफ गवाही दी। यह भी बताया जा रहा है कि अपने पड़ोसी से उनके परिवार का विवाद चल रहा था।

इस बीच विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और दावा किया कि इस घटना से पता चलता है कि बिहार में लोकतंत्र खतरे में है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा- अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि बिहार में निर्दोष नागरिकों, पत्रकारों और यहां तक कि पुलिसकर्मियों की भी हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा- अररिया में जो हुआ वह वाकई दुखद है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले ‘घमंडिया’ महागठबंधन की राज्य में सरकार बनने के बाद से ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं।

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