नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के लिए लाए गए विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी के कार्यकाल का विस्तार हो सकता है। गुरुवार को संसद में इसका प्रस्ताव पेश किए जाने की खबर है। असल में जेपीसी की आठवीं बैठक बुधवार को हुई, जिसमें बड़ा हंगामा हुआ। विपक्ष के सांसदों ने इसका बहिष्कार किया। इसके बाद भाजपा के सांसदों ने भी कहा कि इसके कार्यकाल में कुछ विस्तार होना चाहिए। इससे पहले विपक्षी सांसद स्पीकर से मिल कर इसकी अपील कर चुके थे।
बुधवार को सांसदों ने वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की आठवीं बैठक का बहिष्कार किया। सांसदों ने आरोप लगाया कि जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल तय प्रक्रिया पूरी किए बिना ही 29 नवंबर की समय सीमा तक कार्यवाही खत्म करके मसौदा रिपोर्ट लोकसभा में पेश करना चाहते हैं। जगदंबिका पाल के इस फैसले का सभी विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संकेत दिया था कि समिति को विस्तार दिया जा सकता है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि कोई ‘बड़ा मंत्री’ जगदंबिका पाल की कार्रवाई को डायरेक्ट कर रहा है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा- स्पीकर ने हमें आश्वासन दिया था कि वे जेपीसी का समय बढ़ा देंगे। लेकिन अब उन्होंने कहा कि मसौदा रिपोर्ट पेश करने के लिए तैयार है। पाल ने दिल्ली सरकार, जम्मू कश्मीर सरकार, पंजाब सरकार, यूपी सरकार की बात नहीं सुनी। वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने कहा- भाजपा से गठबंधन न करने वाली सभी पार्टियां जेपीसी का विस्तार चाहती थीं, लेकिन पाल ने अपना काम पूरा करने की बात कही। ताकि रिपोर्ट 29 नवंबर को लोकसभा में पेश की जा सके।
जब विपक्ष ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों से बात की जानी चाहिए और सबकी राय ली जानी चाहिए। उसके बाद जेपीसी के प्रमुख और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने समिति का कार्यकाल बढ़ाने की बात कही। इसे लेकर गुरुवार में लोकसभा में एक प्रस्ताव रखा जाएगा। खबरों के मुताबिक, जेपीसी का कार्यकाल बजट सत्र के आखिरी दिन तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस हिसाब से यह साफ दिख रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ बिल पारित नहीं किया जा सकेगा।