नई दिल्ली। किसान आंदोलन पर मंडी सांसद कंगना रनौत की ओर से दिए गए बयान को लेकर भाजपा ने उनको फटकार लगाई है। साथ ही उनको चेतावनी भी दी है कि वे आगे से नीतिगत मसलों पर कोई बात नहीं कहें। भाजपा ने कहा है कि नीतिगत मसलों पर बयान देने के लिए वे अधिकृत नहीं हैं। भाजपा ने एक बयान जारी कर अपने को कंगना के बयान से अलग कर लिया है। हालांकि इसमें दिलचस्प बात यह रही कि भाजपा ने पार्टी के आधिकारिक लेटरहेट पर चिट्ठी जारी नहीं की है और नीचे चिट्ठी लिखने वाले का दस्तखत भी नहीं है।
गौरतलब है कि भाजपा सांसद कंगना रनौत किसान आंदोलन के दौरान रेप और मर्डर होने की बात कही थी। साथ ही यह भी कहा था कि अगर सरकार मजबूत नहीं होती तो बांग्लादेश जैसे हालात हो जाते। इसे लेकर भाजपा ने एक प्रेस रिलीज जारी की है, जिसे सभी मीडिया समूहों और न्यूज एजेंसियों ने भी जारी किया है। इसमें भाजपा की ओर से लिखा है- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। उन्हें पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है। वे पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत भी नहीं हैं।
भाजपा ने इसके साथ कंगना को चेतावनी दी है कि वे इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न दें। पार्टी के बयान में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलने की बात कही गई है। भाजपा की प्रेस रिलीज आने के बाद उद्धव ठाकरे गुट की शिव सेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- न तो यह भाजपा के लेटरहेड पर है, न इस पर किसी के दस्तखत है। यह भाजपा के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी नहीं है। उन्होंने भाजपा को टैग करके लिखा कि इसके पीछे कोई वजह है या यह भी एक जुमला है।