श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर में प्रचार के लिए पहुंचे। उन्होंने रामबन में चुनावी सभा को संबोधित किया और अब्दुल्ला परिवार पर निशाना साधा। राजनाथ सिंह ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू के मामले में कहा कि उसको फांसी पर नहीं लटकाते तो क्या माला पहनाते। गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि अफजल गुरू को फांसी देने से कोई मकसद पूरा नहीं हुआ। राजनाथ सिंह ने पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में मिलाने की भी बात कही।
उन्होंने रविवार, आठ सितंबर को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर के निवासियों को भारत में शामिल होना चाहिए, हम उन्हें अपना मानते हैं। जम्मू कश्मीर के रामबन में भाजपा उम्मीदवार राकेश सिंह ठाकुर के लिए राजनाथ सिंह ने सभा की। रक्षा मंत्री ने कहा- पाकिस्तान पीओके के निवासियों को विदेशी मानता है, लेकिन भारत उन्हें अपना मानता है।
राजनाथ सिंह ने अनुच्छेद 370 पर अपनी पार्टी और सरकार की लाइन दोहराते हुए कहा- जब तक भाजपा है, तब तक जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी नहीं हो सकती। अगस्त 2019 में जब आर्टिकल 370 हटा, तब से जम्मू कश्मीर में सिक्योरिटी को लेकर बड़े बदलाव हुए। यहां का युवा अब पिस्तौल, रिवॉल्वर के बजाय लैपटॉप और कंप्यूटर रखता है। उन्होंने कहा- पिछले पांच साल में हमने 40 हजार रोजगार के अवसर पैदा किए।
रक्षा मंत्री ने उमर अब्दुल्ला को निशाना बनाते हुए कहा- नेशनल कॉन्फ्रेंस की आतंकियों से सहानुभूति है। मैंने सुना कि उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या अफजल गुरु को माला पहनाई जानी चाहिए थी? गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने छह सितंबर को कहा था कि 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने से कोई भी उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस बारे में राज्य सरकार की राय ली गई होती तो वह कभी इसकी अनुमति नहीं देती।