चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट में लगातार चल रही सुनवाई के बीच किसानों ने शनिवार को पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा पर महापंचायत की। इसमें हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए और किसानों ने जीत का संकल्प किया। खनौरी बॉर्डर पर पिछले 40 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को स्ट्रेचर से महापंचायत के मंच पर लाया गया। उन्होंने किसानों को संबोधित भी किया।
अपनी करीब 10 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि, ‘सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले, हम ये लड़ाई जीतकर जाएंगे’। उन्होंने कहा कि आंदोलन ऊपर वाले की कृपा से हो रहा है। डल्लेवाल ने कहा, ‘पुलिस ने मुझे यहां से उठाने का प्रयास किया। जब लोगों को पता चला तो पंजाब, हरियाणा से सैकड़ों नौजवान हमारे पास पहुंचे और मोर्चा संभाला। आज जो लोग मोर्चे पर पहुंचे हैं, यह सिर्फ ऊपर वाले की कृपा है। सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले, हम मोर्चा जीत कर ही रहेंगे’।
किसान नेताओं का दावा है कि इस महापंचायत में 80 से 90 हजार लोग पहुंचे थे। महापंचायत के दौरान पंजाब की तरफ मंच से करीब 10 किलोमीटर तक पर जाम लगा रहा। खनौरी बॉर्डर के हरियाणा साइड में पुलिस की कड़ी सुरक्षा रही। इसलिए उधर लोग दिखाई नहीं दिए। वहां पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 21 कंपनियां तैनात थीं। किसानों की महापंचायत को देखते हुए हरियाणा के जींद जिले में भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस की धारा 163 लागू कर रोडवेज और पुलिस की करीब 20 बसें, पांच एंबुलेंस और व्रज वाहन भी तैनात थे। इससे हरियाणा की तरफ से कोई किसान महापंचायत में शामिल नहीं हो सका।
इस बीच पंजाब सरकार ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है। इसमें पंजाब सरकार ने उनसे आंदोलन में हस्तक्षेप करके इसे खत्म कराने की मांग की है। हालांकि शिवराज सिंह चौहान पहले ही कह चुके हैं कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, वहां से जो फैसला आएगा, उस पर अमल करेंगे। पंजाब सरकार की ओर से लिखी गई चिट्ठी में केंद्र सरकार से अपील की गई है कि वह किसानों का आंदोलन और डल्लेवाल का अनशन खत्म कराए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट लगातार पंजाब सरकार से कह रही है कि वह डल्लेवाल को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए। लेकिन डल्लेवाल चिकित्सा सुविधा लेने को तैयार नहीं हैं।