कोलकाता। आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ पिछले 35 दिन से प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। ममता बनर्जी के साथ अपनी शर्तों पर वार्ता नहीं होने के बाद डॉक्टरों ने यह रास्ता अख्तियार किया है। इस बीच ममता बनर्जी ने कहा है कि डॉक्टरों की हड़ताल के कारण 29 मरीजों की जान गई है। राज्य सरकार ऐसे जान गंवाने वाले सभी मरीजों के परिजनों को दो दो लाख रुपए की मदद देगी।
गौरतलब है कि डॉक्टर इस मांग पर अड़े हैं कि ममता बनर्जी के साथ उनकी मीटिंग का लाइव प्रसारण किया जाए। इसके लिए सरकार तैयार नहीं हुई तो डॉक्टरों ने ममता के साथ मीटिंग नहीं की। ममता बनर्जी गुरुवार को वार्ता के इंतजार में खाली कुर्सियों के सामने दो घंटे तक बैठी रही थीं। गुरुवार को ममता के साथ मीटिंग नहीं होने के बाद डॉक्टरों ने उसी दिन रात में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भेजी।
उन्होंने लिखा- आपका दखल हमें चारों ओर से घिरे अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा। देश के प्रमुख होने के नाते आपके सामने हम अपने मुद्दों को रख रहे हैं, ताकि हमारी बदकिस्मत साथी जो सबसे घृणित अपराध का शिकार हुई, उसे न्याय मिल सके और पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के तहत हम स्वास्थ्य पेशेवर डर और आशंका के बिना जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने में सक्षम हो सकें। उन्होंने लिखा- इस मुश्किल समय में आपका हस्तक्षेप हम सभी के लिए प्रकाश की किरण के रूप में काम करेगा, जो हमें चारों ओर से घिरे अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा।
इस बीच, सीबीआई ने बलात्कार और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय के नार्को टेस्ट के लिए कोलकाता की अदालत में याचिका दायर की है। इससे पहले गुरुवार को ममता सरकार और डॉक्टरों के बीच 12 सितंबर को तीसरी बार चर्चा नहीं हो सकी। ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना में दो घंटे इंतजार किया, लेकिन डॉक्टर मीटिंग के लाइव प्रसारण की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- मैं इस देश और दुनिया के लोगों से माफी मांगती हूं, जो उनका समर्थन कर रहे हैं, कृपया अपना समर्थन दें। मुझे समस्या नहीं है। अगर लोग चाहते हैं तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं।