नई दिल्ली। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के पांच दिन के बाद आखिरकार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए राज्य सरकार की एजेंसियों को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाने की बजाय दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के शासन वाले पश्चिम बंगाल में हुई इस घटना पर ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के नेता चुप्पी साधे हुए हैं या सरकार की सीधी आलोचना से बच रहे हैं।
बहरहाल, घटना के पांच दिन के बाद राहुल गांधी ने चुप्पी तोड़ी और कहा- पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है। ये चीज अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा कि दोषियों को ऐसी सजा मिले, जो समाज में ऐसी घटना रोकने के लिए मिसाल बने। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की वीभत्स घटना से पूरा देश स्तब्ध है। उसके साथ हुए क्रूर और अमानवीय कृत्य की परत दर परत जिस तरह खुल कर सामने आ रही है, उससे डॉक्टर्स कम्युनिटी और महिलाओं के बीच असुरक्षा का माहौल है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल ने ममता सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा- पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर डॉक्टर्स सेफ नहीं हैं तो किस भरोसे अभिभावक अपनी बेटियों को पढ़ने बाहर भेजें? कांग्रेस नेता ने कहा- निर्भया केस के बाद बने कठोर कानून भी ऐसे अपराधों को रोक पाने में असफल क्यों हैं? हाथरस से उन्नाव, और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ती घटनाओं पर हर दल, हर वर्ग को मिलकर गंभीर विचार विमर्श कर ठोस उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा- मैं इस असहनीय कष्ट में पीड़िता के परिवार के साथ खड़ा हूं। उन्हें हर हाल में न्याय मिले और दोषियों को ऐसी सज़ा मिले जो समाज में एक नजीर की तरह प्रस्तुत की जाए।