नई दिल्ली। जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के कथित घोटाले में लालू प्रसाद के परिवार की मुश्किलें बढ़ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू प्रसाद परिवार की छह करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त कर ली। यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के समय की यानी 2004 से 2009 के बीच की है। इस मामले में सीबीआई और ईडी दोनों जांच कर रहे हैं। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित लालू प्रसाद के परिवार के कई सदस्य इस मामले में आरोपी हैं।
लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों का कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत जमीन के बदले नौकरी मामले को एक बार फिर से उठाया गया है। सीबीआई पहले दो बार इस केस में जांच कर चुकी है और उसे कोई सबूत नहीं मिला था। इसके बाद सीबीआई ने केस को बंद कर दिया था। फिर अब सीबीआई इस मामले में पूछताछ कर क्या जानना चाह रही है? गौरतलब है कि जमीन के बदले नौकरी के मामले में मई महीने में सीबीआई की टीम ने देश भर में नौ जगहों पर छापेमारी की थी।
सीबीआई ने पटना, आरा, भोजपुर, दिल्ली और गुरुग्राम में छापा मारा था। पूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता के ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापेमारी की थी। सीबीआई का आरोप है कि लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को कथित तौर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में नियुक्तियां की गई थीं और इसके लिए नियमों का उल्लंघन किया गया था।