नई दिल्ली। रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय, ईडी ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। ईडी ने इसमें दावा किया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी ने कहा है कि लालू प्रसाद और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लोगों से रिश्वत के तौर पर जमीन लिए थे। चार्जशीट में आरोप है कि अपराध से अर्जित जमीन पर लालू प्रसाद यादव के परिवार का कब्जा है। इससे पहले पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लालू प्रसाद के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी।
ईडी ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि लालू प्रसाद यादव ने घोटाले की साजिश इस तरह रची कि अपराध से अर्जित जमीन पर कंट्रोल तो उनके परिवार का हो लेकिन जमीन सीधे उनसे और परिवार से लिंक न हो पाए। आरोपपत्र के मुताबिक प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय को खपाने के लिए कई फर्जी कंपनियां खोली गईं और उनके नाम पर जमीन दर्ज कराई गई। ईडी के मुताबिक, साजिश की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि रेलवे में नौकरी के नाम पर रिश्वत के तौर पर जमीन लेना लालू प्रसाद यादव खुद तय कर रहे थे, इसमें उनका साथ उनका परिवार और करीबी अमित कत्याल दे रहे थे।
इसमें कहा गया है कि अपराध की आय से लालू के परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों के पास करीब सात जमीनें आई हैं जो कि पटना के महुआ बाग में स्थित हैं। इनमें से चार जमीनें परोक्ष रूप से राबड़ी देवी से जुड़ी हुई हैं। कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव का दानापुर के महुआ बाग गांव से पुराना नाता है. यह पटना के राजकीय पशु चिकित्सा महाविद्यालय के पास स्थित है, जहां लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्य 1976 में रहा करते थे।