घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपए की बड़ी बढ़ोतरी की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आ रही भारी गिरावट की वजह से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में कमी का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन सरकार ने उलटे रसोई गैस की कीमत में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी उज्ज्वला योजना के तहत पांच सौ रुपए में मिल रहे सिलेंडर पर भी लागू होगी। सोमवार सात अप्रैल को पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी।
अभी राजधानी दिल्ली में गैस सिलेंडर 803 रुपए में मिलता है। दाम बढ़ने के बाद कीमत 853 रुपए हो जाएगी। वहीं उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के गैस सिलेंडर की कीमत पांच सौ से बढ़ कर 550 रुपए हो जाएगी। इससे पहले सरकार ने लोकसभा चुनाव के समय आठ मार्च 2024 को महिला दिवस पर सिलेंडर के दामों में एक सौ रुपए की कटौती की थी। कीमत बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को लागत से कम कीमत पर सिलेंडर बेचने के कारण लगभग 41 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इस घाटे को कम करने के लिए कीमतें बढ़ाने का फैसला किया गया’।
Also Read: मुद्रा योजना से भारत के फाइनेंशियल सिस्टम का लोकतंत्रीकरण हुआ: पीएम मोदी
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ा, गैस सिलेंडर सस्ता, कीमतें स्थिर
गौरतलब है कि पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों ने इस महीने एक अप्रैल को 19 किलो वाले कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम 44.50 रुपए तक घटाए थे। दिल्ली में इसकी कीमत 41 घट कर 1,762 हो गईं। दूसरी ओऱ केंद्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क दो रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया है। हालांकि, आधे घंटे बाद ये भी साफ किया कि इससे पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ेंगे। ये खर्चा पेट्रोलियम कंपनियां उठाएंगी। अभी सरकार पेट्रोल पर 19.90 रुपए लीटर और डीजल पर 15.80 रुपए लीटर उत्पाद शुल्क वसूल रही है। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल पर 21.90 रुपए लीटर और डीजल पर 17.80 रुपए लीटर शुल्क लगेगा।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस बढ़े हुए शुल्क को कच्चे तेल की घटी कीमतों से एडजस्ट किया जाएगा। अगर आगे भी कच्चे तेल के दाम घटे रहे तो पेट्रोल व डीजल के दामों में गिरावट आ सकती है। उनके कहने का मतलब था कि कच्चे तेल के दाम घट रहे हैं तो उसका फायदा आम ग्राहकों को नहीं दिया जाएगा, बल्कि वह पैसा पेट्रोलियम कंपनियों से सरकार ले लेगी। गौरतलब है कि दो अप्रैल से अब तक कच्चे तेल के दाम 12.11 फीसदी घट चुके हैं। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल चार फीसदी टूटकर 64 डॉलर के नीचे आ गया। यह पिछले चार साल का सबसे निचला स्तर है।