नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या की रात को हुई भगदड़ में कम से कम 82 लोगों की मौत हुई थी। ‘बीबीसी’ ने यह खुलासा किया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 37 लोगों की मौत का दावा किया था। हालांकि उन लोगों को भी मुआवजा नहीं मिलने पर पिछले दिनों अदालत ने नाराजगी जताई थी। लेकिन ‘बीबीसी’ ने 11 राज्यों के 50 से ज्यादा जिलों का दौरा करके, कई परिवारों के लोगों से मुलाकात करके, वीडियो फुटेज की छानबीन करके रिपोर्ट दी है कि चार जगह भगदड़ मची थी और कम से कम 82 लोगों की मौत हुई थी।
इतना ही नहीं ‘बीबीसी’ ने और भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। ‘बीबीसी’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कम से कम 26 मौतें ऐसी हैं, जिनमें परिजनों को पुलिस ने पांच पांच लाख रुपए दिए और उनको शव लेकर निकल जाने को कहा। इस रिपोर्ट में परिजनों को नोटों के बंडल देते हुए पुलिसकर्मियों की तस्वीरें भी दिखाई गई हैं। पैसे देकर परिजनों से लिखवाया गया कि अचानक तबियत बिगड़ जाने से मौत हो गई। बताया गया है कि पुलिस ने भगदड़ में मरे लोगों के परिजनों को एक करोड़ 30 लाख रुपए नकद दिए। इसकी तस्वीरें और वीडियो मौजूद हैं।
‘बीबीसी’ ने की छानबीन से पता चला है कि 19 ऐसे परिवार हैं, जिनको न घोषित मुआवजा मिला है और पुलिस की ओर से बांटी गई पांच लाख रुपए की नकदी मिली है। उनके पास मेला क्षेत्र की तस्वीरें हैं, जिनमें उनके परिजनों के शव दिख रहे हैं। इन सभी 19 मृतकों की तस्वीर ‘बीबीसी’ ने दिखाई हैं। ‘बीबीसी’ ने उन 26 मृतकों की तस्वीरें भी छापी हैं, जिनके परिजनों को पांच पांच लाख रुपए दिए गए और 36 ऐसे उन मृतकों की तस्वीरें भी छापी हैं, जिनको मुआवजा मिला है। ‘बीबीसी’ की जांच पड़ताल में चार भगदड़ों का पूरा ब्योरा है।
इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद आंकड़ों में इस अंतर को लेकर उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया में इस घटना को ‘तथ्य बनाम सत्य: 37 बनाम 82’ बताया है। अखिलेश यादव ने सवालिया लहजे में कहा, ‘सत्य कब तक छिपाओगे। सब देखें, सुनें, जानें-समझें और साझा करें। सत्य की केवल पड़ताल नहीं, उसका प्रसार भी उतना ही जरूरी होता है’। उन्होंने आगे लिखा कि, ‘भाजपा आत्ममंथन करे और भाजपाई भी और साथ ही उनके समर्थक भी कि जो लोग किसी की मृत्यु के लिए झूठ बोल सकते हैं, वो झूठ के किस पाताल-पर्वत पर चढ़कर अपने को, अपने मिथ्या-साम्राज्य का मुखिया मान रहे हैं’। कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत ने भी राज्य सरकार और भाजपा पर हमला किया।
गौरतलब है कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या की रात को भगदड़ के बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था। उन्होंने भगदड़ की बात स्वीकार करते हुए कहा था कि संगम नोज पर 30 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने अन्य स्थानों पर सात लोगों की मौत को स्वीकार किया था। अब ‘बीबीसी’ ने 11 राज्यों के 50 जिलों में घूम कर एक रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें चार जगहों पर भगदड़ की बात कही गई है और इसमें कुल मौतों की संख्या 82 से अधिक बताई गई है।