मुंबई। आदिवासी हितों की अनदेखी के आरोप लगा कर महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवल मंत्रालय की तीसरी मंजिल से नीचे कूद गए। उनके साथ एक अन्य विधायक भी तीसरी मंजिल से कूदे। दोनों सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति से ही जुड़े हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार से विरोध जताते हुए यह कदम उठाया। हालांकि उनके ऐसा कुछ करने की आशंका को देखते हुए पहले ही नीचे जाल लगा दिया गया था, जिससे वे दोनों जाल में फंसे। हालांकि इसके बावजूद दोनों को चोट आई है।
महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवल के साथ दूसरे आदिवासी विधायक हिरामन खोसकर कूदे थे। नीचे जाल रहने के कारण उनकी जान बच गई। दोनों आदिवासी विधायक जाल में फंस गए थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें बाहर निकाला। ऊंचाई से गिरने के कारण झिरवल की गर्दन पर चोट आई है। उनकी जांच के लिए डॉक्टरों की एक टीम मंत्रालय पहुंची थी। झिरवल उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की पार्टी एनसीपी के विधायक हैं। वे धनगर समाज को एसटी का दर्जा देने की मांग पर सरकार के विचार करने के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
इस मामले को लेकर झिरवल और अन्य आदिवासी विधायकों ने शुक्रवार, चार अक्टूबर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। हालांकि, जब बात नहीं बनी तो उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। झिरवल और खोसकर ने आदिवासी समुदाय के समर्थन में नारे भी लगाए। घटना के बाद मंत्रालय में कामकाज ठप पड़ गया। इससे पहले झिरवल ने मुख्यमंत्री शिंदे से मुलाकात के बाद कहा था कि प्लान बी तैयार है। उन्होंने कहा था- सीएम हमारी बात नहीं सुनेंगे तो हमारे पास प्लान बी तैयार है। झिरवल ने कहा- हम एसटी आरक्षण को प्रभावित नहीं होने देना चाहते हैं। इसके बाद एक घंटे के अंदर उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर अपना गुस्सा जाहिर किया।