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गुंडा बनेंगे ठाकरे बंधु

मुंबई। बीस साल बाद उद्धव और राज ठाकरे एक मंच पर आए और साथ ले आए मराठी मानुष का 75 साल पुराना मुद्दा। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का जवाब देते हुए कहा कि अगर मराठी के लिए लड़ना गुंडागर्दी है तो इसमें कोई हर्ज नहीं है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने हिंदी बोलने पर लोगों से मारपीट कर रहे अपनी पार्टी के गुंडों को सलाह दी है कि वे किसी को मारें तो उसका वीडियो नहीं बनाएं। राज ठाकरे ने अपने भाषण में यह भी कहा कि देवेंद्र फड़नवीस ने उनकी और उद्धव ठाकरे की एकता कराई। उन्होंने कहा कि जो काम बाल ठाकरे नहीं करा सके वह काम फड़नवीस ने कहा दिया।

गौरतलब है कि उद्धव और राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ शनिवार, पांच जुलाई को साझा रैली का ऐलान किया था। लेकिन जब राज्य सरकार ने हिंदी को अनिवार्य करने का फैसला रद्द कर दिया तो उस विरोध रैली को मराठी विजय रैली में तब्दील कर दिया गया। शनिवार को मुंबई के वर्ली सभागार में ‘मराठी विजय रैली’ हुई,  जिसे उद्धव और राज ठाकरे दोनों ने संबोधित किया। दोनों नेताओं ने कहा कि तीन भाषा का फॉर्मूला केंद्र से आया। हिंदी से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए।

उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में कहा, ‘1992 में जब मुंबई में हिंसा फैली थी, तो यहां के मराठी लोगों ने हिंदुओं की जान बचाई थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बोला है कि वह गुंडागर्दी बरदाश्त नहीं करेंगे। तो उन्हें बता देना चाहता हूं कि अगर वह अपनी भाषा को लेकर गुंडागर्दी करेंगे तो फिर हम भी गुंडे हैं’। उन्होंने कहा, ‘आजादी के वक्त हमने मुंबई के लिए लड़ाई लड़ी। उस समय के राजनेता नहीं चाहते थे कि महाराष्ट्र में मराठी हों। अब केंद्र की मोदी सरकार कहती है कि हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान। हमें हिंदू और हिंदुस्तान तो चाहिए, लेकिन जबरदस्ती हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’।

राज ठाकरे के साथ आने के मसले पर उद्धव ने कहा, ‘आज कई बाबा ज्योतिषी व्यस्त हैं। कोई हमारी कुंडली देख रहा है, ये जानने के लिए कि हम साथ आएंगे। हम दोनों ने इसका अनुभव किया है कि किस प्रकार हमारा इस्तेमाल कर फेंक दिया जाता है। आज हम दोनों साथ हैं। उद्धव से पहले अपने भाषण में राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मारपीट की सलाह देते हुए कहा, ‘चाहे गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी आनी चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर कोई बेकार का ड्रामा करता है तो आपको उसके कान के नीचे मारना चाहिए। अगर आप किसी को पीटते हैं, तो घटना का वीडियो न बनाएं’।

उधर, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने पंढरपुर में एक जनसभा में कहा, ‘मराठी विजय रैली में उद्धव ठाकरे ने ‘रुदाली’ जैसा भाषण दिया। मुझे बताया गया कि यह विजय रैली होनी चाहिए, लेकिन यह रुदाली भाषण निकला। उन्होंने कहा कि उद्धव से कार्यक्रम में मराठी के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला गया। उनका भाषण केवल इस पर केंद्रित था कि उनकी सरकार कैसे गिराई गई और वे कैसे सत्ता हासिल कर सकते हैं’।

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