नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। रविवार की शाम को यमुना का पानी एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गया। बताया जा रहा है कि हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बराज से जितना पानी छोड़ गया है उससे यमुना का जलस्तर और ऊपर जाएगा। रविवार की सुबह हथिनीकुंड बराज से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था तब यमुना का जलस्तर 205.81 मीटर तक था, लेकिन शाम चार बजे जलस्तर खतरे के निशान को पार कर 206.31 मीटर पर पहुंच गया।
यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से एक बार फिर निचले हिस्से में रहने वालों को वहां से निकाला जा रहा है। निचले इलाकों में रहने वाले जो लोग पानी कम होने के बाद अपने घरों में लौट आए थे, प्रशासन ने उन्हें फिर राहत शिविरों में भेज दिया है। दिल्ली में शाम को कुछ इलाकों में बारिश हुई है। इससे यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। गौरतलब है कि पिछले दिनों 45 साल के बाद दिल्ली यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा था और कई हिस्सों में जबरदस्त बाढ़ आई थी।
बहरहाल, दिल्ली के अलावा देश के कई और हिस्सों में बारिश और बाढ़ से हालात खराब हैं। हिमाचल के कुल्लू व शिमला में बादल फटने की घटनाएं हुईं हैं और अलग-अलग हादसों में सात मौतें भी हुई हैं। इससे प्रदेश में मानसून में मरने वालों की संख्या 154 हो गई है। गुजरात के जूनागढ़ शहर में रविवार को बारिश नहीं हुई फिर भी कई इलाकों में अब भी पांच फीट तक पानी भरा हुआ है। उधर नवसारी में भारी बारिश हुई है। बाढ़ के हालात को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक बैठक की है। महाराष्ट्र के इर्शालवाड़ी गांव में भूस्खलन के चार दिन बाद भी 57 लोग लापता हैं और मरने वालों की संख्या 27 हो गई है। मध्य प्रदेश के छतरपुर में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई और चार लोग घायल हैं।