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संवाद से सुलझ सकता है मणिपुर मुद्दा

मणिपुर

इम्फाल। मणिपुर के दौरे पर गए सुप्रीम कोर्ट के जजों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे जस्टिस बीआर गवई ने कहा है कि संवैधानिक तरीकों से सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने जजों के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दूसरे और आखिरी दिन रविवार को कहा कि जब संवाद होता है तो समाधान आसानी से मिल जाता है। जस्टिस गवई ने कहा, ‘मणिपुर में जातीय संघर्ष से वहां के लोग बहुत परेशान हैं। हर को शांति बहाली चाहता है। कोई भी मौजूदा स्थिति को जारी रखने में दिलचस्पी नहीं रखता’।

मणिपुर दौरे के दूसरे दिन उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए उस राज्य का दौरा करना बहुत खुशी की बात है, जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भारतीय राष्ट्रीय सेना ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। जहां 1944 में पहली बार भारतीय ध्वज फहराया गया था। जस्टिस गवई ने रविवार को इम्फाल में मणिपुर हाई कोर्ट की स्थापना की 12वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘मैंने और मेरे सहयोगियों ने फैसला किया था कि मणिपुर की अपनी यात्रा के दौरान वे उन लोगों से बातचीत करेंगे जो पिछले दो साल से संघर्ष के कारण पीड़ित हैं। हमने चूराचांदपुर और बिष्णुपुर में राहत शिविरों का दौरा किया और दोनों समुदायों के लोगों से बातचीत की’।

इससे पहले शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के छह जज जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर पहुंचा था। रविवार को उन्होंने कहा, ‘हमारी मणिपुर यात्रा न केवल देश के सबसे सम्मानित राष्ट्रीय नायकों में से एक को श्रद्धांजलि देने के लिए थी, बल्कि देश की सबसे खूबसूरत भूमि में से एक की यात्रा करने के लिए भी थी’।

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