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ब्रिटिश संसद में उठा मणिपुर का मामला

लंदन। भारतीय संसद में मणिपुर के मसले पर चर्चा नहीं हो पाई है। मानसून सत्र के पहले दो दिन मणिपुर के मसले पर ही जाया हुए हैं लेकिन चर्चा नहीं हुई है। लेकिन ब्रिटेन की संसद में इस मसले पर चर्चा हुई है। दो सांसदों ने यह मुद्दा उठाया और इसकी आलोचना की। ब्रिटेन में धार्मिक आजादी से जुड़े मामलों की स्पेशल राजदूत और सांसद फियोना ब्रूस ने गुरुवार को बीबीसी पर मणिपुर हिंसा की ठीक से रिपोर्टिंग नहीं करने के आरोप लगाए। ब्रूस ने ब्रिटेन के निचले सदन में सवाल किया- मणिपुर में मई से कई सौ चर्च जलाए गए हैं, एक सौ से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 50 हजार से ज्यादा लोगों को घर छोड़ना पड़ा है। न सिर्फ चर्च, बल्कि उनसे जुड़े स्कूलों को भी निशाने पर रखा गया है।

ब्रूस ने कहा कि इससे साफ होता है कि ये सब प्लानिंग के तहत किया जा रहा है और धर्म इन हमलों में बड़ा फैक्टर है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। ब्रूस ने पूछा कि इंगलैंड का चर्च उन लोगों की ओर गौर करने के लिए क्या कर सकता है। ब्रूस ने यह बात अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी को लेकर बनाई गई एक रिपोर्ट के आधार पर कही है। जो बीबीसी में काम कर चुके रिपोर्टर डेविड कैंपनेल ने बनाई है।

ब्रूस के अलावा एक दूसरे सांसद एंड्रयू सेलोउस ने मणिपुर के मुद्दे को ब्रिटिश संसद में उठाने के लिए ब्रूस की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ब्रूस ने इस मुद्दे को संसद के सामने लाकर बड़ा काम किया है। मेरी तरह वो भी चाहती हैं कि इस मुद्दे पर बीबीसी और दूसरे मीडिया संस्थान ठीक से रिपोर्टिंग करें। एंड्रयू ने कहा- मुझे उम्मीद है कि कैंटरबरी के आर्चबिशप इस मुद्दे पर ध्यान देंगे।

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