नई दिल्ली। मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने और उनके साथ यौन हिंसा के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में दोनों पीड़ित महिलाएं भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच का विरोध किया। गौरतलब है कि राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने सीबीआई को इस घटना की जांच सौंपी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एफआईआर दर्ज करके इस घटना की जांच शुरू कर दी है।
दो पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले की सीबीआई जांच का विरोध किया। उनके अलावा कुकी समुदाय की ओर से अदालत में पेश वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेज ने भी कहा कि इस मामले की जांच विशेष जांच टीम यानी एसआईटी करे, जिसमें रिटायर डीजीपी को शामिल किया जाए। पीड़ित महिलाओं की ओर से वरिष्ठ वकील इंदिरा जय सिंह ने भी सीबीआई जांच की बजाय एक हाई पावर कमेटी से इसकी जांच कराने को कहा और यह भी कहा कि इसमें ऐसे केस देखने वाली महिलाओं को शामिल किया जाए।
दूसरी ओर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट चाहे तो मॉनिटरिंग कर सकती है। यहां हो या वहां, जो कुछ भी सामने आ रहा है, भयानक ही है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- अगर सुप्रीम कोर्ट यह मामला देखता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि वह एसआईटी से इसकी जांच कराने पर विचार कर सकती है।