इम्फाल। मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के डेढ़ साल बाद भी शांति बहाली के सारे प्रयास विफल होते दिख रहे हैं। कुकी, मैती और नगा समूहों की दिल्ली में हुई शांति वार्ता और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की चर्चा शुरू होने के बाद नए सिरे से हिंसा फैल गई है। सोमवार को कुकी उग्रवादी स्थानीय पुलिस स्टेशन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ की चौकी पर हमला करने पहुंच गए। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने 10 संदिग्ध उग्रवादियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का जवान भी घायल हुआ है, जिसका इलाज असम के सिलचर में हो रहा है। इसके अलावा पांच स्थानीय लोगों को अगवा किए जाने की खबर है।
घटना सोमवार को दोपहर ढाई बजे के करीब हुई, जब बड़ी संख्या में उग्रवादियों ने जिरिबाम जिले के बोरोबेकेरा के जकुराडोर करोंग इलाके स्थानीय पुलिस स्टेशन और सीआरपीएफ की चौकी पर इन उग्रवादियों ने हमला किया था। ये इलाका असम सीमा से लगा हुआ है। जिस पुलिस स्टेशन पर हमला करने उग्रवादी पहुंचे थे उसके पास ही मणिपुर हिंसा में विस्थापित लोगों के लिए एक राहत शिविर है।
माना जा रहा है कि राहत शिविर में रह रहे लोग कुकी उग्रवादियों के निशाने पर हैं। शिविर पर पहले भी हमले हो चुके हैं। बहरहाल, इस मुठभेड़ के बाद ऐहतियात के तौर पर इस इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई और अगले आदेश तक कर्फ्यू लगाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक उग्रवादी सैनिकों जैसी वर्दी पहने थे। इनके पास अत्याधुनिक हथियार और गोला बारूद थे। मारे गए उग्रवादियों के शवों को बोरोबेकेरा पुलिस स्टेशन में रखा गया।
जानकार सूत्रों के मुताबिक पुलिस स्टेशन पर हमला करने के बाद उग्रवादी पुलिस स्टेशन से एक किलोमीटर दूर जकुराडोर करोंग में एक छोटी सी बस्ती की ओर भागे और घरों में आग लगाना शुरू कर दिया। इस दौरान वे सुरक्षा बलों पर गोलियां बरसाते रहे। यह भी खबर है कि गांव के पांच स्थानीय लोग लापता हो गए। माना जा रहा है कि उग्रवादियों ने इन्हें अगवा कर लिया है। सोमवार को ही मणिपुर के याइंगंगपोकपी शांतिखोंगबन इलाके में खेतों में काम कर रहे किसानों पर उग्रवादियों ने पहाड़ी से गोलीबारी की। इस गोलीबारी में एक किसान की मौत हो गई, जबकि कुछ अन्य किसान घायल हुए।
पुलिस ने बताया है कि इस इलाके में उग्रवादी लगातार तीन दिन से पहाड़ी से निचले इलाकों में फायरिंग कर रहे हैं। खेतों में काम कर रहे किसानों को निशाना बनाया जा रहा है। क्योंकि यहां धान की फसल की कटाई चल रही है। हमलों के कारण किसान खेतों में जाने से डर रहे हैं। इस बीच असम राइफल्स ने सोमवार को बताया कि पिछले तीन दिनों में मणिपुर के पहाड़ी और घाटी के जिलों में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार, गोला बारूद और आईईडी जब्त किए हैं।