Manmohan Singh Funeral Controversy: पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था में कथित कमियों को लेकर विवाद छिड़ गया है।
कांग्रेस ने अंतिम संस्कार की व्यवस्था में अनेक कमियां बताई हैं और इसे लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
दूसरी ओर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन में कांग्रेस का कोई नेता नहीं पहुंचा।
भाजपा ने कहा है कि अस्थि विसर्जन में कैमरे की व्यवस्था नहीं थी तो कांग्रेस नेता नदारद हो गए। साथ ही भाजपा ने कांग्रेस के सभी आरोपों का जवाब भी दिया है।
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कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने रविवार को मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर का मुद्दा उठाया।
उन्होंने गिन कर नौ खामियां बताईं और सरकार पर हमला किया। दूसरी ओर उनके सवालों का जवाब देने का जिम्मा भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उठाया।
अमित मालवीय ने पवन खेड़ा के सभी सवालों का जवाब दिया और कहा कि सरकार की ओर से परंपरा और प्रोटोकॉल के मुताबिक सारी व्यवस्था की गई थी। सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ी।
पवन खेड़ा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार के लिए तीन ही कुर्सियां रखी गईं। परिवार के बाकी लोगों को कुर्सियां मांगनी पड़ीं।
इसके जवाब में मालवीय ने कहा- अंत्येष्टि की जगह पर बैठने की व्यवस्था सीपीडब्लुडी ने दिल्ली पुलिस की सलाह से की है।(Manmohan Singh Funeral Controversy)
उपलब्ध स्थान के अनुसार, आगे की पंक्ति में सीटों की संख्या अधिकतम रखी गई थी। उन्होंने कहा- पहली पंक्ति में भारत के राष्ट्रपति, भूटान के राजा, उप राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेता और सेवा प्रमुख शामिल थे। किसी अन्य व्यक्ति को आगे की पंक्ति की सीट आवंटित नहीं की गई थी।
पीएम मोदी ने अपमान किया!
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ये आरोप भी लगाया कि जब मनमोहन सिंह की पत्नी को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा गया और गन सैल्यूट दिया गया तो पीएम मोदी और मंत्री खड़े नहीं हुए। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. सिंह सम्मान और गरिमा के हकदार थे।
इस अव्यवस्था से ये साफ होता है कि एक महान नेता के प्रति केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों में कितनी कमी है।
अमित मालवीय ने खेड़ा के सवालों का जवाब देते हुए कहा- राजकीय अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
चिता के आसपास जिनकी जरूरत थी, वही लोग मौजूद थे। परिवार के लोगों और पुजारियों के लिए पूरी जगह उपलब्ध थी। किसी ने वहां कब्जा नहीं किया।
ट्रैफिक की बदइंतजामी के आरोप पर मालवीय ने कहा- मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर घाट तक लाने के दौरान सड़क का पूरा इंतजाम ट्रैफिक पुलिस के जिम्मे था।
पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार की कारों की जानकारी पहले से ही मांगी गई थी। उन्हें पार्किंग के लिए पास जारी किए गए थे। अंतिम संस्कार जुलूस में कोई बाधा नहीं आई।
उन्होंने यह भी कहा कि शुभचिंतकों, समर्थकों और आगंतुकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं था। रक्षा मंत्रालय को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का काम सौंपा गया है। वही किया गया।