नई दिल्ली। जुलाई का महीना कई राज्यों के लिए आफत बन कर आया है। महाराष्ट्र के रायगढ़ में हुए भूस्खलन के दो दिन बाद गुजरात के जूनागढ़ में भारी तबाही मची है। सैकड़ों गाड़ियां पानी में बह गईं और पूरे शहर से चार से छह फीट तक पानी भरा है। हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई है और चार लोग लापता हैं। महाराष्ट्र के यवतमाल में भारी बारिश की वजह से एक दीवार गिर गई, जिसमें दब कर दो लोगों की मौत हो गई। हरियाणा से महाराष्ट्र, गुजरात से उत्तराखंड, और उत्तर प्रदेश के हिमाचल प्रदेश और पंजाब तक बाढ़ की वजह से तबाही मची है।
हरियाणा के यमुनानगर में हथिनी कुंड बैराज के 18 गेट खोल दिए गए हैं। यह पानी यमुना में यमुनानगर से आगे कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत के रास्ते दिल्ली पहुंचेगा। इन सभी शहरों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इस बीच दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। वहीं घग्घर नदी का पानी बढ़ने से पंजाब के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फतेहाबाद और सिरसा का हवाई सर्वे किया।
उधर गुजरात के जूनागढ़ में शनिवार दोपहर बादल फटने से शहर में बाढ़ आ गई। वहां सिर्फ चार घंटे में आठ इंच बारिश हुई। इससे पूरा शहर पानी में डूब गया। शहर से सटे गिरनार पर्वत पर 14 इंच बारिश होने से हालात और बिगड़ गए। जूनागढ़ के निचले इलाकों में पांच से छह फीट तक पानी भर गया है। महाराष्ट्र के यवतमाल में भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बनी है। कई घरों में पानी भर गया। एक घर की दीवार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एयरफोर्स के एमआई-17 हेलीकॉप्टर को लगाया गया।
इस बीच रायगढ़ के इर्शालवाडी में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 26 हो गई है, 82 लोग अब लापता हैं। उत्तराखंड के यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन में कई गाड़ियां दब गईं। उत्तर प्रदेश के बिजनौर के मंडावली में कोटावाली नदी का जलस्तर बढ़ने से एक बस तेज बहाव में फंस गई। बस में करीब 40 यात्री सवार थे। जेसीबी से सभी का निकाला गया। हिमाचल में भारी बारिश की वजह से शिमला जिले के रोहड़ू व कोटखाई में दो व्यक्तियों की मौत और तीन लापता है।