राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के सम्मान

Image Source: ANI Photo

नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा में अपने डांसिंग स्किल का लोहा मनवा चुके मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) को दादा साहब फाल्के सम्मान (Dadasaheb Phalke Award) पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने इसकी घोषणा की। एक्स पोस्ट (X Post) में उन्होंने लिखा- “यह ऐलान करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि दादा साहब फाल्के चयन जूरी ने दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह पुरस्कार देने का फैसला किया है। 8 अक्टूबर को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा’। 74 साल के मिथुन चक्रवर्ती जिनको उनके डांस मूव्स के लिए जाना जाता है ने एक पैरेलल सिनेमा से मनोरंजन की दुनिया में कदम रखा था। फिल्म का नाम था मृगया।

पहली फिल्म के लिए ही उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार (National Awards) भी मिला था। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। लेकिन खास पहचान 1982 में रिलीज फिल्म डिस्को डांसर से मिली। फिल्म ने उन्हें स्टार बना दिया। 16 जून 1950 को जन्मे चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। लोग उन्हें प्यार से ‘मिथुन दा’ भी कहते हैं। उन्होंने साढ़े तीन सौ से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। वो हिंदी के अलावा विभिन्न भाषाओं की फिल्मों में काम कर चुके हैं। मिथुन चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। लोग उन्हें प्यार से ‘मिथुन दा’ भी कहते हैं। वे हिन्दी फिल्मों के जाने माने अभिनेता, गायक और निर्माता हैं। वे अपने अभिनय और डांस मूव्स के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने करीब 350 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है जिसमें बंगाली, उड़िया, भोजपुरी, तेलुगु और पंजाबी फिल्में भी शामिल हैं।

Also Read : कश्मीर में प्रचार समाप्त, कल मतदान

पढ़े लिखे मिथुन दा सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने की खबर पद्म भूषण से सम्मानित होने के कुछ ही महीनों बाद आई है। यह समारोह अप्रैल में हुआ था और अभिनेता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सम्मान स्वीकार किया था। सम्मान स्वीकार करने के बाद उन्होंने कहा था मैं बहुत खुश हूं। मैंने अपने जीवन में कभी किसी से अपने लिए कुछ नहीं मांगा। जब मुझे गृह मंत्रालय से फोन आया कि मुझे पद्म भूषण से सम्मानित किया जा रहा है, तो मैं एक मिनट के लिए चुप हो गया क्योंकि मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें