इंफाल/आइजोल। मणिपुर का तनाव अब मिजोरम पहुंच गया है। मिजोरम में रह रहे मैती समुदाय के लोग बड़ी संख्या में वहां से पलायन कर रहे हैं। हालांकि उनको धमकी दिए जाने की खबर के बाद राज्य सरकार अलर्ट हुई है और उसने सभी नागरिकों को सुरक्षा देने का भरोसा दिया है इसके बावजूद लोग पलायन कर रहे हैं। खबर है कि इंडिगो की उड़ान से 60 से ज्यादा लोग मिजोरम छोड़ कर निकले हैं। मिजोरम में मैती समुदाय के करीब डेढ़ हजार परिवार रहते हैं। बताया जा रहा है कि सोमवार को कुकी समुदाय के समर्थन में मिजोरम में रैली होने वाली है, जिसकी वजह से लोगों में घबराहट बढ़ी है।
एक दिन पहले मिजोरम के एक उग्रवादी संगठन ने मैती समुदाय के लोगों को चेतावनी दी थी और राज्य छोड़ने को कहा था। यह खबर आने के तुरंत बाद मिजोरम की मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार ने राज्य में रहे रहे मैती समुदाय के लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि मणिपुर में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने और उनके साथ यौन हिंसा किए जाने का वीडियो सामने आने के बाद मिजोरम के उग्रवादी समूहों ने कुकी समुदाय का समर्थन किया और मैती लोगों को धमकी दी।
मिजोरम से लोगों के पलायन की खबरों के बीच राज्य सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है- राज्य के गृह आयुक्त व सचिव एच लालेंगमाविया ने मैती समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मिजोरम में करीब डेढ़ हजार मैती परिवार रहते हैं और वे राज्य में कई स्थानों पर काम करते हैं। ये मैती परिवार मणिपुर के अलावा दक्षिणी असम के भी हैं। . मैती लोगों के यातायात के किसी न किसी साधन का इस्तेमाल करके प्रदेश की राजधानी आइजोल छोड़ने की कई खबरें आई हैं। इससे पहले एक सामाजिक संगठन सेंट्रल यंग मिजो एसोसिएशन ने भी मैती लोगों को शांति से रहने के लिए प्रोत्साहित किया है। दूसरी ओर मिजो छात्र संघ ने राज्य सरकार के साथ चर्चा के बाद मिजोरम में मैती के बारे में डाटा इकट्ठा करने के अपने प्रस्तावित अभियान को रोकने का फैसला किया है।
मिजोरम में मैती समुदाय के लोगों की चिंता को देखते हुए मणिपुर सरकार ने विशेष विमान के जरिए उन्हें राज्य से निकालने की इच्छा जताई है। हालांकि अभी तक मैती समुदाय पर किसी हमले की सूचना नहीं मिली है। गौरतलब है कि मिजो लोगों के मणिपुर के कुकी-जोमी समुदाय के साथ गहरे जातीय संबंध हैं। तभी तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर से भागे करीब 15 हजार कुकी-जोमी लोगों को मिजोरम में आश्रय मिला। अब तनाव की स्थिति इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन, पीएएमआरए ने शुक्रवार को एक बयान जारी करके कहा था कि मैती को अपनी अपनी सुरक्षा के लिए मिजोरम छोड़ देना चाहिए।