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वक्फ बिल पर सरकार ढीली पड़ी?

नई दिल्ली। विपक्ष ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया है लोकसभा में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक को विचार के लिए संसद की स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए। इस पर सरकार ने बीएसी की बैठक में कहा कि वह सदन की भावना जान इस बारे में प फैसला करेगी।सरकार ने लोकसभा में विधेयक पर चर्चा और उसे पारित कराने पर जोर नहीं दिया।

संभव है सरकार विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजने पर सहमत हो इस विधेयक का मुस्लिम संगठन भी विरोध कर रहे हैं।सूत्रों ने बताया कि एनडीए के कुछ दलों ने भी प्रस्तावित कानून पर अपनी आपत्ति व्यक्त की है।

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई और तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने विधेयक पेश होने के बाद इसे संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग की।

वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है।वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है।विधेयक को पेश किए जाने से पहले मंगलवार रात लोकसभा सदस्यों के बीच वितरित किया गया।

विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, विधेयक में यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं।यह केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं तथा गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है।

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