नई दिल्ली। मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज की जांच रिपोर्ट आ गई है और पुष्टि हो गई है कि उसे मंकीपॉक्स ही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार, नौ सितंबर को इसकी पुष्टि की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति को आठ सितंबर को मंकीपॉक्स के संदेह में आइसोलेशन में रखा गया था। उसके रक्त का नमूना लेकर जांच कराई गई, जिसमें मंकीपॉक्स के स्ट्रेन वेस्ट अफ्रीकन क्लेड दो की पुष्टि हुई है। हालांकि मंत्रालय ने बताया है कि आइसोलेशन में रखे गए मरीज की हालत ठीक है। उसके संपर्क में आए लोगों की तलाश की जा रही है और उनकी भी जांच होगी। इस बीच सोमवार को ही केंद्र सरकार ने इसे लेकर सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया।
हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साथ ही यह भी बताया है कि ये स्ट्रेन विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लुएचओ की ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी में शामिल नहीं है। ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी में स्ट्रेन क्लेड वन है। 2022 में क्लेड दो के 30 केस मिले थे। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सोमवार को एडवाइजरी जारी की। चंद्रा ने कहा- मंकीपॉक्स के खतरे को रोकने के लिए सभी राज्यों को कदम उठाने चाहिए। इसमें कहा गया है कि राज्यों को स्वास्थ्य मंत्रालय के मंकीपॉक्स को लेकर दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए।
केंद्र की ओर से जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र यानी एनसीडीसी के मंकीपॉक्स पर जारी सीडी अलर्ट यानी कम्यूनिकेवल डिजीज अलर्ट पर कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा राज्यों को अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए। वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने को कहा गया है। गौरतलब है कि डब्लुएचओ ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। भारत ने 20 अगस्त को देश के सभी पोर्ट, एयरपोर्ट के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटे बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया था।